Karva Chauth 2021: विजय सिंह राठाैर, ग्वालियर नईदुनिया। हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर, रविवार को रोहिणी नक्षत्र में रखा जाएगा। बाजारों में करवा चौथ की खरीदारी सुहागिन महिलाओं ने प्रारंभ कर दी है। ब्यूटी पार्लर में व मेहंदी की बुकिंग होने लगी है।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि में चन्द्रोदयव्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा। करवा चौथ पूजा का मुहूर्त 1 घंटा 17 मिनट का है। करवा चौथ के दिन शाम को 5 बजकर 43 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट के मध्य चौथ माता यानी माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय का विधिपूर्वक पूजन होगा। इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर उनकी पूजा होगी और चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा। ​उस समय पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना की जाती है। देश के कई हिस्सों में सुहागन और कुंवारी युवतियां विधि विधान से इस व्रत को रखती हैं। अखंड सौभाग्य की कामना का व्रत करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। सुहागिन स्त्रियों को इस व्रत का वर्ष भर इंतजार रहता है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करती हैं, सभी महिलाएं एक साथ एकत्र होकर गोल बनाकर करवा बदलती हैं, पूजा करती हैं, करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं। इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों पारण किया जाता है। करवा चौथ के दिन माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है।

Posted By: vikash.pandey

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