ग्वालियर। वकील द्वारा हाईकोर्ट जज के नाम पर 50 हजार रुपए मांगने का मामला सामने आया है और याचिकाकर्ता के भाई ने शपथ पत्र पर वकील की शिकायत प्रिंसिपल रजिस्ट्रार से की है। रजिस्ट्रार ने इस मामले को जस्टिस के समक्ष रखा और कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए वकील को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है और चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
झांसी रोड थाने में कांच मिल निवासी राजेश भदौरिया के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज है और पुलिस ने उसे 27 मई 2018 को गिरफ्तार कर लिया था। राजेश भदौरिया ने अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से जमानत याचिका दायर की। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 14 नवंबर 2018 को एक लाख के मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत होने के बाद राजेश भदौरिया को कोर्ट का ऑर्डर नहीं मिल सका और अधिवक्ता ने आपत्ति पेश कर दी। अधिवक्ता जज के नाम पर 50 हजार रुपए मांग रहे थे।
इसकी शिकायत राजेश भदौरिया के भाई ने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के समक्ष लेकर पहुंचे। उन्होंने पूरी कहानी प्रिसिंपल रजिस्ट्रार को बताई। इसके बाद प्रिंसीपल रजिस्ट्रार ने तत्काल प्रभाव से आदेश की सत्यापित कॉपी निकलवाई। अधिवक्ता की शपथ पत्र पर शिकायत की। इसके बाद मामले को एकल पीठ के समक्ष भेजा गया। एकल पीठ ने मामले को युगल पीठ के समक्ष रखा। युगल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए गत दिवस अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
ऑनलाइन देख लिया था ऑर्डर
याचिकाकर्ता के परिजनों ने ऑनलाइन जमानत का आवेदन ऑन लाइन देख लिया था। उन्हें लगातार गुमराह किया जाता रहा। जब पैसे को लेकर विवाद बढ़ गया तो याचिकाकर्ता के परिजनों ने हाईकोर्ट को पूरा वाक्या बताया। इस पूरे वाकया को सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
इनका कहना है
याचिकाकर्ता को आदेश की कॉपी तत्काल प्रभाव से निकलवादी थी। जस्टिस के नाम से पैसे मांगने की शपथ पत्र पर शिकायत आई थी। उसे आगे रिफर कर दिया है- नवीन सक्सेना, प्रिसिंपल रजिस्टार हाईकोर्ट
जस्टिस के नाम पर पैसे मांगने के मामले को कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है। याचिकाकर्ता के भाई ने शपथ पत्र पर शिकायत की है। कोर्ट की ओर से पैरवी के लिए हमें बुलाया गया था- अंकुर मोदी, अतिरिक्त महाधिवक्ता
मुझे कोर्ट के नोटिस की कॉपी नहीं मिली है। क्या मामला है, उसकी मुझे जानकारी नहीं है- अवधेश भदौरिया, अधिवक्ता
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