Morena mayor Case: ग्वालियर (नप्र)। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी की उस याचिका का निराकरण कर दिया, जिसमें जिला न्यायालय की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट से महापौर को स्थगन मिल गया था, जिससे जिला कोर्ट की कार्रवाई रुक गई थी। कोर्ट ने स्थगन को समाप्त कर दिया है। अब जो भी बात करनी है, वह जिला न्यायालय में कहनी होगी। भाजपा के टिकट से महापौर का चुनाव लड़ी मीना जाटव ने जिला न्यायालय मुरैना में शारदा सोलंकी के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है। इस याचिका में शारदा के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी गई है। जाटव की ओर से बताया गया कि 1950 में शारदा का परिवार उत्तर प्रदेश में रहता था। उन्हें मध्य प्रदेश में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इस पर शारदा सोलंकी ने जिला न्यायालय में आपत्ति की, लेकिन उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 19 दिसंबर 2022 को जिला न्यायालय की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए थे। वरिष्ठ अधिवक्ता आरडी जैन व अधिवक्ता संगम जैन याचिका के बारे में जवाब दिया। हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया।
ऊर्जा मंत्री ने 11 साल पुराने मामले में दर्ज कराए बयान
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शनिवार को अपने बयान दर्ज कराने के लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उपस्थित हुए। उन्होंने अपने मुल्जिम बयान दर्ज कराए। 11 नवंबर 2011 को अानंद नगर में सड़क का भूमिपूजन कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित अन्य नेता विरोध करने पहुंच गए थे। बहोड़ापुर थाना पुलिस ने प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित 54 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था और कोर्ट में चालान पेश किया। प्रद्युम्न सिंह तोमर वर्तमान में विधायक व मंत्री हैं। इसके चलते केस की ट्रायल सांसद विधायकों के लिए बने विशेष कोर्ट स्थानांतरित हो गई। ऊर्जा मंत्री के इस केस में मुल्जिम बयान हो चुके हैं।
Posted By: anil tomar