Negligence in hospital in Gwalior: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हजार बिस्तर अस्पताल में चादर पर 65 वर्षीय ससुर को बैठकर खींचकर ले जाती बहू मामले में ड्यूटी डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ को तीन दिन के लिए निलंबित किया गया है। इसके साथ ही स्ट्रेचर की उपलब्धता न होने के मामले में जेएएच प्रबंधक अनिल मेवाफरोस एवं सहायक प्रबंधक डा बालेन शर्मा काे कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

नईदुनिया ने शनिवार के अंक में हजार बिस्तर अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं तो मरीज को चादर पर बैठकार खींचना पड़ा नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस मामले में जेएएच के अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक ने शनिवार को पूरे मामले की जांच की। जिसमें वार्ड के ड्यूटी डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ को इस बात के लिए दोषी माना गया कि मरीज के वार्ड से निकलने पर उन्हें जानकारी तक नहीं हुई थी। इसलिए तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया साथ ही प्रबंधक को नोटिस थमाया। असल में साइकिल से गिरने के कारण 65 वर्षीय कृष्णा ओझा के कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। जिसके चलते वह 17 मार्च को हड्डी वार्ड में भर्ती हुए थे आपरेशन से पहले उन्हें कार्डियोलाजी में दिल की जांच कराने के लिए भेजा गया था। लेकिन जांच के लिए उन्हें 24 मार्च का समय दिया गया था। इसलिए कृष्णा की बहू नीता ओझा उन्हें लेकर हजार बिस्तर से जेएएच गई थीं।

लेकिन ससुर को हजार बिस्तर भवन से बाहर तक ले जाने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला, इस कारण से उन्होंने ससुर को चादर पर बैठाया और चादर खींचकर वह बाहर तक ले गईं। इसके बाद किराए के आटो से जेएएच तक लेकर पहुंची। जबकि मरीज को जेएएच में एक भवन से दूसरे भवन तक लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस व ई रिक्शा की उपलब्धता है। इसके बाद भी मरीजों काे परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की गई।

स्ट्रेचर पर रखकर कर्मचारी कचरा ढोते, मरीज को नहीं मिलता

स्ट्रेचर पर रखकर कर्मचारी कचरा ढोते,मरीज को नहीं मिलता शुक्रवार की घटना और संयुक्त संचालक की कार्रवाई के बाद भी शनिवार को हालात हजार बिस्तर में वैसे ही मिले। हजार बिस्तर अस्पताल से निकलने वाले कचरे को ढोने के लिए कर्मचारी नए स्ट्रेचर का उपयोग कर रहे हैं। नए स्ट्रेचर पर कर्मचारी कचरे की गठरी रखकर डंपिग साइट पर फैंकने के लिए ले जाते हुए दिखे। जबकि अस्पताल में मरीजों के लिए स्ट्रेचर की उपलब्धता नहीं है। गजब की बात यह है कि जेएएच और नगर निगम के बीच कचरा उठाने काे लेकर अनुबंध है इसके बाद भी हजार बिस्तर अस्पताल में कचरा डंप किया जा रहा है।

हजार बिस्तर में सीवेज का गंदा पानी,मरीजों के लिए परेशानी

हजार बिस्तर के मेडिसिन वार्ड में सीवेज की समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है। मेडिसिन वार्ड के तीसरी व 6वीं मंजिल पर सीवेज की समस्या बनी हुई है। सीवेज का पानी पूरी गैलरी में भरा हुआ है। जल्दबाजी में हजार बिस्तर अस्पताल को जेएएच प्रबंधन ने अपने सुपुर्द तो ले लिया और उसमें मरीजों को भी शिफ्ट भी कर दिया। लेकिन यहां पर सीवेज का पानी निकासी की समस्या को नहीं सुलझाया जा सका। यहां पर आए दिन सीवेज का पानी भरने से मरीजों को उससे होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन जेएएच के जिम्मेदार इस पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इस गंदगी से मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बड़ रहा है।

जो भी इस मामले में दोषी हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। इसकी पूरी जानकारी पत्र के माध्यम से अधिष्ठाता की ओर अग्रेषित की गई है। सीवेज की समस्या के विषय में भी वरिष्ठ को पूर्व में भी अवगत कराया जा चुका है। स्ट्रेचर मरीज के लिए हैं किसी अन्य कार्य के लिए नहीं।

डा आरकेएस धाकड़ , अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल

Posted By: anil tomar

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