ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल मरीजों को ट्रामा में भर्ती तो कर लिया जाता। पर इलाज तभी मिल पाता है जब वह बाहर से दवाएं मंगवा लेते हैं। इन दिनों जयारोग्य अस्पताल के ट्राेमा सेंटर के हालात नाजुक है। यहां पर हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन उन्हें दिए जाने वाले इलाज को लेकर सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं किया गया। हालात यह हैं कि मरीजों को एनएस (नार्मल सेलाइन), डीएनएस (डेक्सट्रोज नार्मल स्वाइन) की बोतले बाहर से खरीदकर चढ़वानी पड़ रही है। कुछ मरीजों को तो उनके अटेंडेंट ही बोतल लगाने व बदलने का काम करना पड़ रहा है। यही नहीं कई सारी जांचे मरीजों से बाहर से कराई जाती हैं। पर उनकी इस परेशानी पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
देखें हालात-
तीन दिन पहले सड़क हादसे में घायल धर्मेन्द्र केा ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया। उन्हें एनएस की बोतल लगानी थी । धर्मेन्द्र के अटेंडेंट एनएस की बोतल बाहर से खरीदकर चढ़वा रहे हैं। इस पर ट्रामा सेंटर प्रभारी अभिलेख मिश्रा का कहना है कि कुछ दिन पहले एनएस की बोतल की सप्लाई नहीं मिल रही थी फिर भी में पता करता हूं ,मरीजों को बाहर से नहीं खरीदनी पड़ेगी। जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के नई तकनीके की सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही दवाओं पर भी करोड़ों का बजट खर्च किया जा रहा है। लेकिन जयारोग्य अस्पताल की बात करें तो यहां के जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण व्यवस्थाएं दिन प्रतिदिन बेपटरी होती जा रही है। यही कारण है कि इन दिनों मरीजों को जांचें कराने से लेकर दवाएं तक बाजार से मंगानी पड़ रही हैं। दरअसल गर्मी के कारण सबसे ज्यादा मरीज इन दिनों मेडिसिन विभाग में पहुंच रहे हैं। इसमें पेट दर्द, उल्टी, दस्त सहित अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज शामिल हैं। इसलिए अधिकांश मरीजों को एनएस (नार्मल सेलाइन), डीएनएस (डेक्सट्रोज नार्मल स्वाइन) सहित अन्य बेतलें चढ़ाई जाती हैं। लेकिन अस्पताल में कभी एनएस तो कभी डीएनएस की बोतलें खत्म हो जाती है। इतना ही नहीं ट्रॉमा सेन्टर की बात करें तो यहां भर्ती मरीजों को भी एनएस की बेतलें सहित अन्य दवाएं बाजार से मंगाई जा रही है। इसके अलावा ट्रॉमा में भर्ती होने वाले मरीजों की कुछ जांचे भी बाहर निजी पैथोलॉजी पर कराई जा रही है। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार व्यवस्थाएं सुधरने की जगह सारी दवाएं उपलब्ध होने के झूठे दावे करने में लगे हुए हैं।
Posted By: anil.tomar
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