Plastic Engineering: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। प्लास्टिक इंजीनियरिंग में ट्रेंड युवाओं की डिमांड अब दस गुना बढ़ गई है। हालत यह है कि देशभर की बड़ी कंपनियों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। अभी हाल ही में टाटा कंपनी को सिपेट ग्वालियर की ओर से 150 ट्रेंड युवा दिए हैं। सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) की लैब को एनएबीएल द्वारा मान्यता मिल गई है, जिसके बाद एफसीआइ के साथ बड़े संस्थान अपने टेस्ट भी यहां करवा सकेंगे।
सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (सिपेट) में प्लास्टिक प्रोसेसिंग, प्लास्टिक मोल्डिंग जैसे डिप्लोमा कोर्स कराए जा रहे हैं। इस तरह के कोर्स शहर में पहली बार शुरू हुए हैं। इनमें शामिल सभी छात्रों को नौकरी मिली है, जबकि 300 छात्र अभी अध्ययनरत हैं। अभी यह इंस्टीट्यूट अस्थायी रूप से महिला पालीटेक्निक के परिसर में संचालित है। महाराजपुरा में एमिटी यूनिवर्सिटी के नजदीक इसके लिए 10 एकड़ जमीन मिली है जहां इनका नया कैंपस लगभग तैयार हो गया है। सिपेट के देशभर में 30 सेंटर हैं, ग्वालियर में यह 31 वां सेंटर है। फर्स्ट बैच में प्लास्टिक प्रोसेसिंग आपरेटर और प्लास्टिक मोल्डिंग आपरेटर का कोर्स करके छात्र यहां से पास आउट हुए हैं। जो टाटा, प्रिंस, एस्ट्रल पाइपस, सुप्रीम, वेकटस, किसान, जयश्री पालीमर्स में चयनित किए गए है।
अभी यह कोर्स चल रहे
अभी यहां पर प्लास्टिक एक्सटूजन, ब्लो मोल्डिंग, मशीन आपरेटर एंड प्रोग्रामिंग तथा मशीन आपरेटर टूल रूम के कोर्स भी चल रहे हैं। यह कोर्स छह माह के होंगे और इनमें योग्यता हाइस्कूल तथा आयु सीमा 18 से 28 वर्ष तक रहेगी। फिलहाल यहां पर अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है और इनके आवास की भी व्यवस्था है। आगे से सामान्य कैटेगरी के बीपीएल कार्डधारी छात्रों को भी यहां पर प्रवेश दिया जाएगा। जिसकी आवेदन फार्म भरने की अंतिम तिथि 28 मई 2023 है। हर वर्ष 300 छात्रों को नौकरी मिल रही है। स्टेट और सेन्ट्रल गर्वमेंट दोनों का ही सहयोग है।
सिपेट ग्वालियर का नया कैंपस महाराजपुरा क्षेत्र में तैयार हो रहा है। हमारे यहां ट्रेंड युवाओं की भारी डिमांड है और देशभर की कंपनियों की ओर से मांग की जाती है। हाल ही में टाटा कंपनी को हमने 150 छात्र दिए हैं।
पुरुषोत्तम ओझा, प्रशासनिक अधिकारी, सिपेट
Posted By: anil tomar