यूनिफार्म, किताबों, पाठ्य सामग्री व फीस को लेकर निजी स्कूल नहीं कर पाएंगे मनमानी
नए शिक्षण सत्र 2026-27 में निजी स्कूल यूनिफार्म, किताबों, पाठ्य सामग्री व फीस आदि को लेकर मनमानी नहीं कर पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी निजी स्कूलों के प्रबंधन से कहा है कि वे 31 दिसंबर तक डीपीआइ पोर्टल पर स्कूल की प्रस्तावित फीस, गणवेश, स्टेशनरी व आगामी सत्र के सिलेबस को लेकर सभी जानकारी दर्ज कर दें।
Publish Date: Wed, 12 Nov 2025 08:16:11 AM (IST)
Updated Date: Wed, 12 Nov 2025 08:17:25 AM (IST)
यूनिफार्म, किताबों, पाठ्य सामग्री व फीस को लेकर निजी स्कूल नहीं कर पाएंगे मनमानी।HighLights
- यूनिफार्म छोड़ किसी भी स्कूल सामग्री पर नहीं होगा स्कूल का नाम
- 31 दिसंबर तक डीपीआइ पोर्टल पर प्रस्तावित फीस बतानी होगी
- DPI के पोर्टल पर आगामी सत्र के सिलेबस की जानकारी दर्ज करनी होगी
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर : नए शिक्षण सत्र 2026-27 में निजी स्कूल यूनिफार्म, किताबों, पाठ्य सामग्री व फीस आदि को लेकर मनमानी नहीं कर पाएंगे। इसके लिए लोक शिक्षण व जिला प्रशासन ने अभी से कवायद शुरू कर दी है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी निजी स्कूलों के प्रबंधन से कहा है कि वे 31 दिसंबर तक डीपीआइ पोर्टल पर स्कूल की प्रस्तावित फीस, गणवेश, स्टेशनरी व आगामी सत्र के सिलेबस को लेकर सभी जानकारी दर्ज कर दें। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट आदेश दिया गया है कि कोई भी स्कूल यूनिफार्म छोड़ कर किसी भी सामग्री पर स्कूल का नाम नहीं लिख सकेंगे।
जानकारी विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य
बता दें कि मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 1917 एवं नियम 2022 तथा नियम 2024 में वर्णित प्रविधानों के अनुसार निर्धारित प्रारूपों में विद्यालय से संबंधित समस्त जानकारी एवं फीस, स्टेशनरी, बुक तथा गणवेश की जानकारी विभागीय पोर्टल लिंक http:dpimp.in/ पर अपलोड करना अनिवार्य है।
नए सत्र की प्रस्तावित फीस दिसंबर में ही बतानी होगी
हर नए शिक्षण सत्र में स्कूल प्रबंधन अपनी फीस को मनमाने तरीके से बढ़ा देते हैं। जबकि निजी विद्यालय अधिनियम 2017 के मुताबिक निजी स्कूल 10 प्रतिशत ही फीस बढ़ा सकते हैं। 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाने के लिए जिला स्तरीय समिति से और 15 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय समिति से अनुमति लेनी पड़ती है।
लेकिन निजी विद्यालय सीधे फीस बढ़ा देते हैं। अब उन्हें दिसंबर महीने में ही पोर्टल पर बताना होगा कि नए शिक्षण सत्र में उनकी फीस कितनी होगी और कितने प्रतिशत फीस बढ़ा रहे हैं।