Raja Patria Case: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विशेष सत्र न्यायालय (एमपी व एमएलए कोर्ट) ने गुरुवार को उस मामले की सुनवाई की, जिसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया पर प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा उपयोग करने के मामले में केस दर्ज है। राजा पटेरिया ने न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पटेरिया पर आरोप तय किए जाने थे, लेकिन पटेरिया की ओर से तर्क दिया कि आरोप बहस के लिए अधिवक्ता नियुक्त करना है। इसके लिए समय दिया जाए।

कोर्ट ने एक महीने का समय दिया है और 18 अप्रैल को मामले की सुनवाई होगी। राजा पटेरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था। पन्ना जिले के पवई थाना पुलिस ने राजा पटेरिया के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने जांच के बाद विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। चालान पेश होने के बाद पटेरिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ से जमानत मिल गई थी। पटेरिया पर आरोप तय किए जाने हैं। उसके बाद मामले की ट्रायल चलेगी। पटेरिया पर धारा 451, 504, 505(1)(बी), 505(1)(सी), 506, 153 बी(1)(स), 115, 117 के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने पटेरिया पर धाराओं में बढ़ोतरी की है, जिसके चलते मामला सेशन में पहुंचा है।

अभिभाषकों ने दूसरी बार शुरू की हड़ताल

अधिवक्ता संघ सेवढ़ा के आह्वान पर क्षेत्र के सभी अभिभाषक 19 मार्च तक कार्य से विरत रहेंगे। चालू माह में यह दूसरा अवसर है जब वकील सामूहिक अवकाश पर गए हैं। इससे पूर्व 6 से 12 मार्च तक भी हड़ताल चली थी। इस बार अभिभाषक सभी प्रकार के न्यायालय जिसमें ज्यूडिशियल के साथ राजस्व न्यायालय भी शामिल हैं, के कार्य में शामिल नही होंगे। उक्ताशय का निर्णय अभिभाषक संघ सेवढ़ा की बैठक में लिया गया। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अटल बिहारी शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा काफी समय से लंबित प्रकरणों को समय सीमा में निपटाने के लिए 25-25 प्रकरणों को सूचीबद्ध किया है। इससे न्याय प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है। अभिभाषक भी इस आदेश के बाद डर के माहौल में है। इस संबंध में अभी भी कोई ठोस पहल अथवा निराकरण नहीं होने से एक बार फिर से 19 मार्च तक के लिए कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। इसकी सूचना वरिष्ठ न्यायालय को दे दी गई।

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