Startup in Gwalior: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर में स्टार्टअप लेने वाले युवाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अच्छी पढ़ाई करने के बाद युवा नौकरी करने से ज्यादा अपना खुद का व्यवसाय करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि व्यवसाय में एक अच्छे करियर के साथ ही उनको एक विशिष्ट पहचान बनाने का मौका भी मिल रहा है। नईदुनिया ने जब स्टार्टअप ले रहे युवाओं से बात की तो उनका कहना था कि व्यापार जमाने में की गई मेहनत उनके भविष्य के लिए जमापूंजी है, जबकि नौकरी केवल वर्तमान के लिए है। आज यह युवा खुद का व्यापार खड़ा करने के साथ दूसरों को भी नौकरी के अवसर प्रदान कर रहे हैं। ऐसे युवा जिन्होंने अपनी जमापूंजी से स्टार्टअप लिया और आज उनका करोड़ों रुपये का टर्नआेवर है। आज ऐसे ही युवाओं की कहानी नईदुनिया आपके लिए लाया है।
खुद के डिजायन किए कपड़ों का स्टार्टअप किया शुरू
बसंत विहार में रहने वाली हर्षा छापरिया ने दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है। इसके बाद उनके पास नौकरी के लिए कई आफर भी आए, लेकिन उन्होंने नौकरी न करते हुए खुद का व्यवसाय शुरू किया। 30 वर्षीय हर्षा बताती हैं कि उन्होंने डिग्री लेने के बाद पहली फुर्सत में जनवरी 2023 में च्इलेक्ट्रिक वार्डड्रोप.इनज् के नाम से आनलाइन वेबसाइट तैयार की। जिस पर खुद के द्वारा बनाए गए डिजाइन के कपड़े की सेल शुरू की। जिसका अच्छा रिस्पांस भी मिला। लोगों ने मेरे द्वारा तैयार किए डिजाइन पसंद किए तो दिल्ली में इन कपड़ों को तैयार कराना शुरू कर दिया और आनलाइन सप्लाई शुरू कर दी। पिछले चार महीने में करीब 7 से 8 लाख के कपड़ों की सेल हो चुकी है, जिसमें मुझे करीब दो लाख रुपये का मुनाफा भी हुआ है। मैं इस समय प्री-वेडिंग मेघा ट्रेल गाउन, मैक्सी ड्रेसिंग, मिडी ड्रेसेस, जम सूट, सूट हैंडमेड आदि के डिजाइन तैयार कर रही हूं, जो लोगों को काफी पसंद भी आ रहे हैं।
खिलोनों का स्टार्टअप शुरू किया
मानिका गिफ्ट सेंटर के संचाकल तरुण गुप्ता ने तीन साल पहले अपने भाई के साथ डेढ़ लाख रुपये की जमापूंजी से स्टार्टअप लिया था। तरुण बताते हैं कि उन्होंने आनलाइन खिलौनों की सप्लाई देना शुरू किया। इसके लिए 15 हजार रुपये में एक कंपनी तैयार की। आनलाइन प्लेटफार्म पर उसे दर्ज कराया तो फोन पर आर्डर मिलने लगे। शुरुआत में तो शहर से ही खिलौने खरीदकर सप्लाई देते थे, लेकिन जैसे-जैसे आर्डर की संख्या बढ़ने लगी तो दिल्ली से माल भरकर ग्वालियर लाने लगे। आज मेरी कंपनी में 10 लोगों का स्टाफ काम कर रहा है। लगातार सप्लाई के आर्डर मिलते हैं, जिन्हें पैक करने से लेकर पहुंचाने तक की जिम्मेदारी हमारी होती है। इस व्यवसाय में अच्छा मुनाफ है और जोखिम कम है। जो व्यापार मैंने डेढ़ लाख रुपये से शुरू किया था आज उसका सालाना टर्नआेवर करोड़ तक पहुंच चुका है।
छह हजार रुपए में लिया स्टार्टअप
माधव संगीत महाविद्यायलय के तृतीय वर्ष के छात्र शिवम सोनी मूलत: रीवा के रहने वाले हैं। रीवा में पढ़ाई के साथ-साथ स्टार्टअप लिया है। उन्होंने चाय कुटिया के नाम से कंपू पर गुमठी लगाई है। शिवम सोनी बताते हैं घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मुझे संगीत महाविद्यालय से डिग्री पूरी करनी है। साथ ही व्यापार करने का मन था, लेकिन व्यापार के लिए पूंजी नहीं थी। इसलिए छह हजार रुपये में तीन महीने पहले स्टार्टअप लिया। अब महीने 15 से 17 हजार रुपये कमाता हूं। शिवम बताते हैं कि उन्होंने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की, लेकिन किसी भी कंपनी में नौकरी करने की अपेक्षा खुद नौकरी देने का काम करूंगा।
Posted By: anil tomar
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