Street dog terror in Gwalior: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर में आवारा श्वानों का आतंक फिर फैल गया है। इनकी संख्या भी बढ़ती चली जा रही है, क्योंकि निगम द्वारा प्रस्तावित दो एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर अभी तक चालू नहीं हो पाए हैं। ये आवारा श्वान हमलावर भी हो रहे हैं और रात के समय लोगों को काट रहे हैं। मुख्य शहर ही नहीं, बल्कि प्रत्येक गलियों में आवारा श्वानों का आतंक है। नगर निगम की ओर से फिलहाल इस पर रोक के कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

शहर में रोजाना लोग आवारा श्वानों के शिकार लोग हो रहे हैं। आवारा श्वानों के भय के कारण लोग सुनसान इलाकों से गुजरने से कतराने लगे हैं। रात का समय हो या दिन का, सड़कों पर घूमने वाले आवारा श्वान बच्चों से लेकर बड़े लोगों पर अचानक आक्रामक होकर हमला कर रहे हैं। रात के समय वाहनों की आवाजाही होने पर ये श्वान वाहनों के पीछे भागते हैं और चालक पर हमला करते हैं। उनके अचानक से दौड़ाने या इधर-उधर भागने से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। आवारा श्वानों को पकड़ने के लिए नगर निगम के पास एक विशेष गाड़ी है। इस गाड़ी के माध्यम से इन आवारा श्वानों को पकड़ने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह गाड़ी पूरे दिन में शहर का चक्कर काटकर लौट आती है। ये कर्मचारी श्वानों को पकड़ते नहीं हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जैसे ही कर्मचारी किसी इलाके से श्वानों को पकड़ते हैं, वैसे ही पशु प्रेमी इन्हें छुड़ाने के लिए पहुंच जाते हैं। वे तमाम संगठनों का हवाला देकर इन श्वानों को छोड़ने के लिए कहते हैं और कई बार विवाद कर भी श्वानों को झुड़ाकर ले जाते हैं। वर्तमान में सिटी सेंटर, हजीरा, पिंटो पार्क, फूलबाग, नई सड़क, माधवराव सिंधिया मार्ग, शिंदे की छावनी, नदी गेट, गश्त का ताजिया, किला गेट, बहोड़ापुर में आवारा श्वानों के झुंड नजर आते हैं।

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