बलबीर सिंह, ग्वालियर नईदुनिया। जीवाजी विश्वविद्यालय में कापियां खरीदने के लिए फिर से टेंडर किए जाएंगे। इसके लिए 24 मई को कार्य परिषद की बैठक बुलाई गई है। स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में कापियों की जरूरत पड़ने वाली है। इसे ध्यान में रखते हुए शीघ्र कापियों की खरीद होना है। वर्तमान में जेयू के पास तीन लाख कापियां हैं. यदि परीक्षा के बीच में कापी कम पड़ गई तो परीक्षा रोकना पड़ सकती है। इसलिए पहले ही व्यवस्था करके रखी जाना है।
कोविड-19 के चलते पिछले दो साल से परीक्षाएं नहीं हो रही थीं। ओपन बुक प्रणाली से परीक्षाएं आयोजित की जा रही थीं। पुरानी कापियां जो रखी थीं, उनका इस बार उपयोग कर लिया। फरवरी में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हुई थी, लेकिन पुरानी कापियों की संख्या कम थी। इस कारण सेमेस्टर परीक्षा व स्नातक द्वितीय, तृतीय वर्ष की परीक्षा में ये कापियां खत्म हो गई। इनकी संख्या तीन लाख रह गई। अब स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा कराना है। इस परीक्षा में करीब 70 हजार विद्यार्थी बैठेंगे, एक विद्यार्थी को 6 कापियों की जरूरत होगी। उस हिसाब से 3 लाख से अधिक कापी की जरूरत है। अभी बीकाम प्रथम वर्ष का टाइम टेबल घोषित किया है, इसमें छात्रों की संख्या कम है। यह परीक्षा 16 जून तक चलेगी। बीए व बीएससी में छात्रों की संख्या अधिक है। इसलिए इसका टाइम टेबल घोषित नहीं किया है। साथ ही सेमेस्टर परीक्षा भी शुरू होना है। इन सबके लिए कापियों की आवश्यकता है। इसकी पूर्ति के लिए नई कापियां खरीदी जाना है। औसतन एक कापी की कीमत 8 रुपये है। खरीद लाखों रुपये में जाएगी। 40 पेज की कापी रहेगी।
जेयू के कुलसचिव की नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती, नोटिसः हाई कोर्ट की एकल पीठ ने जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुशील मंडेरिया की नियुक्ति को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है। अंबिका प्रसाद ने वर्ष 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसकी पहली सुनवाई गुरुवार को हुई, जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि जेयू के कुलसचिव की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है, वह सहायक प्राध्यापक हैं। वर्ष 2013 में भी इनकी प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर चुनौती दी गई थी, वह याचिका अभी भी लंबित है। वरिष्ठों को अनदेखा करते हुए इन्हें कुलसचिव बनाया गया है, जबकि ये इस पद के योग्य नहीं हैं।
Posted By: vikash.pandey
- Font Size
- Close