Ye Footpath Hamara Hai: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर के बाजारों में फुटपाथ पर कब्जा हो चुका है। कई बाजार से फुटपाथ ही गायब हो गया है। अब फुटपाथ से कब्जा हटाने और ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए शहर के कारोबारी, सभी व्यापारिक संगठन और जिम्मेदार अफसर आगे आए हैं। नईदुनिया की पहल पर सभी गुरुवार को एक साथ बैठे और फुटपाथ से कब्जा हटाने, ट्रैफिक व्यवस्थित करने का संकल्प लिया। बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए समितियां बनेंगी, जिसमें व्यापारी, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के अफसर शामिल होंगे। हर सप्ताह किए गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी।
नईदुनिया को धन्यवाद देता हूं, जो व्यापारी और शहर के लोगों की चिंता की। जैसा कि सभी कहते हैं- फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा रहता है। यह पूरा सच नहीं है। मान सकते हैं, दुकानदार कुछ सामान दुकान के बाहर रखता है। इसकी वजह है- सड़क पर हाथ ठेले और टमटम, आटो चालक। जो सड़कें घेरे रहते हैं। इनकी वजह से दुकानें ढंक जाती है,इसलिए मजबूरी में कई बार दुकानदार को सामान बाहर रखना पड़ता है। फुटपाथ तो व्यापारी घेर ही नहीं सकता, क्योंकि फुटपाथ तो इस समय दुकानों से महंगा है। गलत दिशा में चलने वाले वाहन महाराज बाड़ा और आसपास के बाजारों में व्यवस्था बिगाड़ते हैं। इन पर कार्रवाई के लिए ई-चालान की व्यवस्था होनी चाहिए। सड़क पर पार्किंग के लिए स्पेस देना होगा, इस स्पेस के बाहर गाड़ी लगाने पर कार्रवाई हो। बाकी सड़क पर ट्रैफिक बाधित न हो, इसमें हम सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
डा.प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स
दुकानदार कुछ सामान तो बाहर रख लेता है, लेकिन पूरी तरह फुटपाथ कारोबारियों ने घेरा है। यह गलत है। जगह-जगह ठेले, हाकर्स खड़े रहते हैं। टमटम सबसे वाहन सबसे बड़ी समस्या बन रहे हैं। इनती संख्या तेजी से बढ़ रही है। बाजाराें में सड़क के दोनों तरफ ठेले खड़े हो जाते हैं, बची सड़क से ट्रैफिक निकलता है। इसलिए फुटपाथ भी घिरता है और जाम भी लगता है। अधिकारी सिफारिश पर कार्रवाई से पीछे हट जाते हैं, इसे भी सीमित करना होगा।
दीपक पमनानी, जिलाध्यक्ष कैट
दाल बाजार में पहले समस्या थी, लेकिन जब से यहां वन-वे का पालन हुआ है, तब से व्यवस्था सुधरने लगी है। हमने यहां व्यापारियों से आग्रह किया, अपना सामान दुकान गोदाम के अंदर ही रखें। हम नईदुनिया की पहल पर इसे और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाएंगे। बाजार जाम से मुक्त होगा तो निश्चित ही व्यापार बढ़ेगा।
दिलीप पंजवानी, अध्यक्ष, दाल बाजार व्यापार समिति
मैं सराफा बाजार में रहता हूं। जब 1984 में यहां व्यापार शुरू किया था तो 12 फीट का फुटपाथ था। फिर 6 फीट का रह गया, अब इसे और कम कर दिया गया। हमारे एमओएस को ही फुटपाथ कहा जा रहा है। हम दुकानों के अंदर ही सामान रखते हैं। ठेले वाले, हाकर्स सड़क घेरते हैं, फुटपाथ इन्हीं के कब्जे में है। जब तक इन्हें व्यवस्थित नहीं किया जाएगा, व्यवस्था नहीं सुधरेगी। इंदौर की तरफ हमारे यहां भी सराफा बाजार में नाइट चाट बाजार शुरू होना चाहिए। इसके लिए हम कारोबारी तैयार हैं। जिससे दिनभर यहां लगने वाले चाट के ठेले बंद हों। इससे सड़क घिरी रहती है। राजनीतिक हस्तक्षेप बंद होना चाहिए, नेता वोट की वजह से कार्रवाई का विरोध करते हैं। पुलिस व्यवस्था बनाने की जगह चालान काटने में लगी रहती है। हम तैयार हैं, अगर सड़क से हाथ ठेले, हाकर्स शिफ्ट हो जाएं तो एक फीट भी सामान बाहर नहीं दिखेगा।
विजय गोयल, पूर्व अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स
दाल बाजार एकांकी मार्ग था, लेकिन बीच में व्यवस्था तब बिगड़ी जब दोनों तरफ से ट्रैफिक चला। अब जब से वन-वे हुआ है, तब से हालात सुधरे हैं। पार्किंग के लिए जो मार्किंग की गई है, हम उसका पालन कर रहे हैं। अब लोडिंग वाहनों काे टोकेंगे, जिससे मार्किंग के अंदर वाहन खड़े करें।
विवेक जैन, सचिव, दाल बाजार व्यापार समिति
राजीव प्लाजा लैपटाप, मोबाइल का सबसे बड़ा शहर का मार्केट है। यहां पूरे शहर से खरीदारी करने लाेग आते हैं। दुर्भाग्य है, यहां सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करना कारोबारी और ग्राहकों की मजबूरी बन गई है। यह जगह पैदल चलने के लिए होनी चाहिए, जिस पर गाड़ी खड़ी हो रही है। वजह है- पार्किंग सिर्फ दिखावे की है। इस पार्किंग का जो गेट है, उसे ही कर्मचारियों ने बंद कर दिया है।
मनोज चौरसिया, कारोबारी, राजीव प्लाजा
महाराज बाड़े तक जाने में किसी भी रास्ते से एक घंटा ही लगता है। सड़क पर ही कारोबार होता है। हाथ ठेले, सवारी वाहन खड़े रहते हैं। जहां पैदल चलने की जगह है, वहां हाथ ठेले, हाकर्स खड़े होते हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस बल भी बढ़ना चाहिए।
कृष्ण बिहारी गोयल, जिलाध्यक्ष, युवा अग्रवाल महासभा
सराफा बाजार का कारोबार पूरी तरह ठप्प हो चुका है। क्योंकि यहां स्थाई रूप से खड़ी गाड़ियों ने ही फुटपाथ से सड़क तक घेर रखी है। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद कर दिया गया है। छोटा कारोबारी बुरी तरह प्रभावित है। व्यवस्था बनाने में फेल जिम्मेदार गाड़ियां बंद कर देते हैं।
विवेक अग्रवाल, कारोबारी, सराफा बाजार
सराफा बाजार में स्थाई रूप से खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई ही नहीं होती। इनकी वजह से सड़क घिरी है। पुलिस अधिकारियों के कहने पर हमने पूरा सामान दुकान के अंदर कर लिया, लेकिन गाड़ियों पर कार्रवाई नहीं हुई।
विनोद गिडवानी, सचिव, बर्तन व्यवसायी संघ
सड़क से अस्थाई अतिक्रमण हटाने, फुटपाथ खाली कराने की कार्रवाई रोज होती है। कई बार कार्रवाई रोकने के लिए दबाव आता है, नियम तोड़ने वाले लोग ही कार्रवाई का विरोध करते हैं। यह लोग हमें ही गलत साबित करते हैं। हम बाजारों में व्यापारी, ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर समितियां बनाएंगे, व्यवस्था सुधारेंगे।
सतपाल सिंह चौहान, उपायुक्त, नगर निगम
व्यापारी दुकान के बाहर अपनी गाड़ियां खड़ी करते हैं। बेसमेंट में पार्किंग नहीं हो रही। फुटपाथ पर सामान रखा रहता है। इस वजह से यह स्थिति बन रही है। ई-चालान के लिए कुछ प्रयास किए जा रहे हैं। समितियां बनाकर सामुहिक प्रयास से स्थिति सुधारने के लिए काम करेंगे। नियम तोड़ने वालों को पहले समझाईश देंगे, फिर कार्रवाई करेंगे।
नरेश अन्नोटिया, ट्रैफिक डीएसपी
Posted By: anil tomar
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