Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर की 119 साल पुरानी विरासत गांधी हाल (Gandhi Hall) को निजी हाथों में सौंपने की नगर निगम (Indore Nagar Nigam) की पहल का शहर में विरोध प्रारंभ हो गया है। विपक्षी कांग्रेस (Congress) के साथ ही अभ्यास मंडल जैसी समाजसेवी संस्थाएं भी नगर सरकार के इस कदम से नाखुश हैं। सभी इसे वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। गांधी हाल को निजी हाथों में जाने से रोकने के लिए गांधीवादी तरीके से विरोध की तैयारी है।

Indore News: विपक्षी कांग्रेस पार्टी के साथ ही अभ्यास मंडल जैसी समाजसेवी संस्थाएं भी हुई मुखर

अभ्यास मंडल के पूर्व अध्यक्ष शिवाजी मोहिते ने निगम के निर्णय को जनता के साथ धोखा बताया है। उनका कहना है कि इस तरह अपने स्मारक और पुरातत्व महत्व की इमारतों को निजी हाथों में सौंपना गिरवी रखने जैसा है। निगम के पास अगर गांधी हाल के रखरखाव के लिए पैसों की कमी है तो उसे अपने खर्चे कम करना चाहिए। मोहिते ने कहा कि नगर निगम ने अपना फैसला नहीं बदला तो अभ्यास मंडल भी पीछे नहीं हटेगा। जरूरत पड़ी तो हम जनता को साथ लेकर शहर की सड़कों पर उतरेंगे। धरना देंगे, आंदोलन करेंगे, लेकिन गांधी हाल निजी हाथों में जाने नहीं देंगे।

कलाकर्मी जयंत भिसे का कहना है कि यह निगम की जिम्मेदारी है कि वह प्रमुख स्थलों का रखरखाव करे न कि मेंटेनेंस के नाम पर उन्हें लीज पर दे दे। महापौर को चाहिए कि वे गांधी हाल के रखरखाव के लिए अलग से प्रविधान करें। गांधी हाल को निगम को अपने पास ही रखना चाहिए। इस तरह लीज पर देने की मानसिकता से बाहर निकलना होगा।

कांग्रेस ने कहा- निगम फैसले को वापस नहीं लेता है तो आंदोलन करेंगे

शहर में कांग्रेस के अकेले विधायक संजय शुक्ला ने कहा- गांधी हाल इंदौर की विरासत होकर शहर की पहचान है। गांधी हाल का ऐतिहासिक महत्व है। इस महत्वपूर्ण इमारत का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत छह करोड़ रुपये खर्च कर जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण किया गया है। अब इसे ठेके पर देने का खेल खेला जा रहा है। यदि निगम इस फैसले को वापस नहीं लेता है तो जनता को साथ लेकर चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम ने कहा कि महापौर के फैसले शहर हित में नहीं हैं। इसे लेकर संभागायुक्त सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर फैसले का विरोध किया जाएगा। यदि फैसला वापस नहीं होता है तो कांग्रेस पार्षद विरोध प्रदर्शन करेंगे।

तत्काल वापस लें फैसला

नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा है कि गांधी हाल को ठेके पर देने का फैसला तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गांधी हाल का विकास किया और अब इसे किराए पर देने की बात हो रही है। पुरातत्व महत्व की इमारतों को इस तरह से ठेके पर देने लगे तो हमारी विरासत ही खत्म हो जाएगी। हम गांधी हाल को ठेके पर लेने वालों को भी चेतावनी देते हैं।

शहर की धरोहर को लीज पर देना शर्मनाक

आम आदमी पार्टी ने गांधी हाल को निजी कंपनी को लीज पर देने के निर्णय को शर्मनाक बताया है। पार्टी ने कहा कि नागरिकों का प्रतिनिधित्व कर रही निगम परिषद शहर की धरोहरों को ही संभाल नहीं पा रही है। आप प्रदेश प्रवक्ता हेमंत जोशी ने कहा कि किसी भी शहर की शान उसकी ऐतिहासिक धरोहर होती है। प्रवासी सम्मेलन से पहले नागरिकों के टैक्स के 6.62 करोड़ रुपये खर्च कर गांधी हाल का जीर्णोद्धार क्या निजी कंपनी के लाभ के लिए किया गया था। निगम शहर की दीवारें और फुटपाथ पुतवाने पर करोड़ों खर्च कर देता है और उसके पास ऐतिहासिक इमारत के रखरखाव के लिए बजट नहीं है यह शर्मनाक है।

शहर की विरासत सहेजने में नईदुनिया भी साथ

शहर की विरासत व पहचान को सहेजने के लिए नईदुनिया ने हमेशा अपनी पत्रकारीय जिम्मेदारी निभाई है। राजवाड़ा को निजी हाथों में सौंपने की पहल का जब जनता ने विरोध किया, तो नईदुनिया आमजन की आवाज बना था। अब शहर के 119 साल पुराने गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपने के नगर निगम के प्रयासों का शहर की सामाजिक संस्थाएं विरोध कर रहीं हैं। शहर की विरासत को बचाने के इस प्रयास में नईदुनिया भी सामाजिक संस्थाओं के साथ खड़ा है।

Posted By: Sameer Deshpande

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