इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में स्थापित स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई में नियुक्तियों में घोटाले के आरोप लगे हैं। आप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि साल 2019 में कांग्रेस शासन काल में स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई में जो नियुक्तियां की गई हैं, उनमें भ्रष्टाचार हुआ है।
गोस्वामी ने बताया कि सीधी भर्ती 2019 में जारी विज्ञप्ति के अनुसार, संचालक के पद के लिए आई अस्पताल के संचालन एवं स्थापित करने का 20 वर्षों का अनुभव मांगा गया था, लेकिन सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 वर्ष का अनुभव दर्शाने वाले डाक्टर को नियुक्ति दे दी गई। सहायक प्राध्यापक के पदों पर भी नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया गया है। डीएनबी योग्यता वाली डाक्टर की नियुक्ति कर दी गई, जबकि विज्ञापन में एमएस की योग्यता मांगी गई थी।
अधीक्षक की नियुक्ति भी अवैधानिक
गोस्वामी ने आरोप लगाया कि अधीक्षक पद पर नियुक्ति भी अवैधानिक है, उसमें आंखों के अस्पताल के संचालन का एक वर्ष का अनुभव अनिवार्य है, लेकिन डा. डीके शर्मा, जो हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, डीन ने सांठगांठ कर उनको अधीक्षक के साथ आयुष्मान योजना का नोडल अधिकारी भी बना दिया।
मेरे पास 10 साल का अनुभव
स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई के प्रभारी अधीक्षक डा. डीके शर्मा का कहना है कि मेरी नियुक्ति वर्ष 2022 में हुई है। जिस नियुक्ति की बात की जा रही है, वह 2019 की है। एमसीआई के नियमों के अनुसार इस पद के लिए एडमिनिस्ट्रेशन में एक साल का अनुभव होना चाहिए। मेरे पास 10 वर्ष से अधिक का अनुभव है।
Posted By: Hemraj Yadav
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