Anhad Nad Column Indore: ईश्वर शर्मा, इंदौर (नईदुनिया)। जिस दौर में पशुओं को मारकर खा जाने जैसी घृणित और अमानवीय क्रूरता को भी भोजन का आधिकार बता दिया जाता हो, उस दौर में भी कुछ ऐसा मर्मस्पर्शी घटित होता है, जो मन को छू जाता है। इस चित्र को देखिए, जिसमें शिव मंदिर के सामने बैठे नन्हे से नंदी को कोई श्रद्धालु शाल ओढ़ा गया है। उस श्रद्धालु का भाव रहा होगा कि नंदी को कहीं ठंड न लग जाए। इस गहरी अनुभूति के भाव को आप क्या कहेंगे, कानून की किस तराजू में तौलेंगे? यह सनातन धर्म ही है जो पत्थर में भी देवत्व को उतार लाता है। सनातन अपने मंत्रों में गाय को यूं ही नहीं पूजता-

यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्। तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥

अर्थात : जिसने समस्त जगत् को अपनी करुणा से जीवंत रखा है, उस गोमाता को प्रणाम।

गांव से निकलकर वह बेटा आज देश का बजट बना रहा

बीते दिनों देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत किया। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों ने इसे नए भारत की उड़ान का नया आसमान बताया। ऐसे शानदार बजट को तैयार करने में विशेषज्ञों की जिस टीम ने महीनों तक मेहनत की, उसमें मध्य प्रदेश का एक होनहार बेटा भी शामिल रहा। यह हैं नर्मदापुरम के समीप सांडिया पिपरिया के रहने वाले अनुराग राजेंद्र पांडे। अपने छोटे से गांव से निकलकर, इंदौर की सरजमीं से होते हुए अनुराग दिल्ली पहुंचे हैं और इन दिनों वित्त मंत्रालय में सेवा दे रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि वे बजट बनाने वाली टीम में सबसे कम उम्र के हैं। इन्हें अर्थतंत्र व भारत की जरूरतों की इतनी गहरी समझ है कि इनके कई सुझावों को बजट में शामिल भी किया गया है।

उपचार इतना सस्ता कि बीमार होने को जी चाहे

इंदौर हमेशा अपने नवाचारों से अन्य शहरों को राह दिखाता रहता है। इन दिनों इंदौर ने फिर एक ऐसा उपाय किया है, जो पीड़ित मनुष्यता को बहुत सहाय करेगा। हुआ यूं है कि इंदौर में अस्पताल में होने वाली जांचों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों से जनता को बचाने के लिए बहुत सस्ती जांच की सुिवधा शुरू की गई है। यह सेवा आरंभ हुई है चमेली देवी अग्रवाल रेडक्रास डायग्नास्टिक सेंटर छावनी हाट मैदान में। यहां प्रशासन व रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से सोनोग्राफी जांच भी दस गुना कम दाम में होगी। विशेषज्ञ डाक्टर निश्शुल्क जांचेंगे, ओपीडी जांच केवल 10 रुपये में होगी, एक्सरे केवल 69 रुपये में हो जाएगा। इतना सस्ता इलाज देख बीमार होने को जी चाहता है न।

यही है इंदौर...यही है इंदौरियों की संकल्पशक्ति

इंदौर की स्वच्छता क्रांति केवल कागजी नहीं बल्कि हम सबकी कठोर मेहनत से हुई है। इस बात का प्रमाण हमारे शहर के लोग अक्सर देते रहते हैं। बीते दिनों हुआ यूं कि महाकाल की नगरी उज्जैन से कुछ मेहमान इंदौर में हुए एक विवाह समारेाह में शािमल होने आए। यहां वे जुलूस में दूल्हे की घोड़ी के पीछे-पीछे आनंदपूर्वक चलने लगे। बरात कुछ दूर पहुंची ही थी कि मेहमानों का स्वागत आइसक्रीम से किया गया। बाहर से आए मेहमानों ने तो आइसक्रीम खाकर रैपर वहीं सड़क पर फेंक दिए, लेकिन इंदौरी मेहमानों ने रैपर के लिए आसपास डस्टबिन ढूंढा। जब तक डस्टबिन नहीं मिला, तब तक रैपर हाथ में ही रखे और कुछ दूरी पर डस्टबिन मिलने पर उसी में विसर्जित किए। यह सब देख रहे एक बराती प्रवीण पंडया ने इंदौर के इस संकल्प और समर्पण की प्रशंसा अपने फेसबुक अकाउंट पर की। यही है इंदौर...यही है इंदौरियों की संकल्पशक्ति।

Posted By: Hemraj Yadav

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