Ayushman Yojana Scam: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एक तरफ आयुष्मान कार्ड बनाने में इंदौर पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर आ गया है, तो दूसरी तरफ योजना को लेकर अस्पतालों की पोलपट्टी भी सामने आ रही है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत तीन साल में सरकार ने इंदौर के अस्पतालों की झोली में लगभग 140 करोड़ रुपये डाले हैं, लेकिन पूरा पैसा गरीब और जरूरतमंद मरीजों के इलाज पर नहीं लग पाया है।
इंदौर के सात अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना में बड़ी गड़बड़ी की है। अधिकतर अस्पतालों ने ओपीडी या शिविर में आए मरीजों का फोटो खींचकर उन्हें भर्ती मरीज बताया। इसका परीक्षण भी स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा चयनित दो निजी कंपनियों ने ठीक से नहीं किया। इस कारण अस्पतालों की गड़बड़ी पकड़ी नहीं गई। अब योजना का संचालन करने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा इन अस्पतालों पर अर्थदंड लगाने के साथ योजना से बाहर करने की कार्रवाई की जाएगी। एफआइआर भी दर्ज कराई जा सकती है। फिलहाल इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन अस्पतालों को नोटिस जारी
जिन अस्पतालों का नोटिस जारी किया गया है, उनमें इंडेक्स मेडिकल कालेज, अरबिंदो मेडिकल कालेज, एसएमएस एनर्जी, गोकुलदास, लक्ष्मी मेमोरियल, रेटिना और आनंद अस्पताल शामिल हैं। बड़ी बात यह है कि इंदौर क्षेत्र के एक मंत्री समेत कुछ नेता अस्पतालों को कार्रवाई से बचाने में लगे हैं। वह चौतरफा दबाव बना रहे हैं। उनकी पूरी कोशिश इस पर है कि अस्पतालों पर एफआइआर न होने पाए।
अस्पतालों का भुगतान रोका
स्वास्थ्य आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने बताया कि अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी सभी अस्पतालों का भुगतान रोक दिया है। वहीं, इंदौर सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या ने कहा कि राज्य स्तर से जांच में जिन अस्पतालों में आयुष्मान योजना को लेकर गड़बड़ी सामने आई है, उनकी जांच के निर्देश मिले हैं। योजना की गाइडलाइन के अनुसार अस्पतालों की जांच की जा रही है। एक दल बनाया गया है। कुछ अस्पतालों की जांच मैं स्वयं भी कर रहा हूं। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को भी जांच का आधार बना रहे हैं।
सबसे ज्यादा गड़बड़ी निजी मेडिकल कालेज में
सबसे ज्यादा गड़बड़ी एक मेडिकल कालेज में मिली है। कालेज ने करीब साढ़े तीन सौ मरीजों को आयुष्मान योजना के पोर्टल पर भर्ती दिखाया था, लेकिन स्टेट हेल्थ एजेंसी की टीम जब जांच के लिए पहुंची तो 70 मरीज भी नहीं मिले। स्टेट हेल्थ एजेंसी अब उन मरीजों से भी पूछताछ करेगी, जिनके नाम से दावा राशि लेने का बिल अस्पतालों ने लगाया था। साथ ही जो मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं, उनसे फोन पर बातचीत की जाएगी।
घपले कैसे-कैसे
- जिन मरीजों को सामान्य वार्ड में दो दिन रखकर उपचार किया जा सकता था, उन्हें बिल बढ़ाने के लिए आइसीयू में रखा।
- मरीज को भर्ती करने के सात दिन पहले तक की जांचों का भुगतान आयुष्मान योजना से लेना था, लेकिन मरीज से लिया गया।
- जिन मरीजों को सिर्फ ओपीडी में उपचार देकर ठीक किया जा सकता था, उन्हें भर्ती किया गया।
सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायतों का अंबार
आयुष्मान में गड़बड़ी को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायतों का अंबार लगा है। इंदौर जिले में सौ शिकायतें लंबित हैं। इनमें कार्डधारकों ने शिकायत की है कि शासन से पैसा मिलने के बावजूद हमसे जांच का पैसा लिया गया। बताया जाता है कि अस्पतालों ने शासन से तो पैसा ले लिया, लेकिन बाद में मरीज को नहीं लौटाया। कुछ केस ऐसे भी हैं, आयुष्मान योजना के तहत मरीज को भर्ती तो कर लिया, लेकिन उसके प्रकरण में आयुष्मान कोड नहीं डाला।
इन सात ने बिगाड़ी इंदौर की साख
- अरबिंदो मेडिकल कालेज
- इंडेक्स मेडिकल कालेज
- एसएमएस एनर्जी अस्पताल
- गोकुलदास अस्पताल
- लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल
- रेटिना अस्पताल
- आनंद अस्पताल
Posted By: Hemraj Yadav
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