Bhayyu Maharaj Suicide Case: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में गुरुवार को भी सुनवाई हुई। अभियोजन के गवाह ने न्यायालय को बताया कि महाराज से झगडे के बाद उनकी पत्नी आयुषी ने कलाई काट ली थी। मैं उस वक्त मौके पर ही मौजूद था। मैंने ही उनकी ड्रेसिंग की थी। गवाह ने यह भी बताया कि महाराज ने उन्हें कभी किसी सेवादार द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की बात नहीं कही थी। बुधवार को जिस गवाह का प्रतिपरीक्षण अधूरा रह गया था वह भी गुरुवार को पूरा हुआ। इस गवाह ने स्वीकारा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकरण की सुनवाई छह माह में पूरी करने को कहा है।

भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में गुरुवार को महाराज का इलाज कर चुके डॉ.पवन राठी के बयान हुए। उन्होंने बताया कि वे करीब तीन साल से महाराज के डिप्रेशन का इलाज कर रहे थे। एक बार महाराज से विवाद होने पर आयुषी ने हाथ की नस काट ली थी। उन्होंने ही उसकी ड्रेसिंग की थी।

आरोपित शरद की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि इस गवाह ने बयान में आरोपितों की वजह से महाराज के डिप्रेशन में होने की बात कही थी लेकिन जब उनसे प्रति परीक्षण में पूछा गया कि क्या कभी महाराज ने इस संबंध में उनसे बात की थी तो उन्होंने कहा कि नहीं। महाराज ने उन्हें कभी किसी सेवादार द्वारा मानसिक रूप से प्रताडित किए जाने की बात नहीं कही थी। महाराज जब एक बार इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे तब उन्होंने आयुषी को बताया था कि उन्हें कब कौनसी दवाई देना है।

फिर अधूरा रहा प्रतिपरीक्षण, शनिवार को होगा

बुधवार को एक गवाह का प्रति परीक्षण दो आरोपितों की तरफ से अधूरा रह गया था। गुरुवार को एक आरोपित की तरफ तो यह पूरा हो गया लेकिन एक की तरफ से अधूरा रहा। अब कोर्ट अब इस मामले में शनिवार को सुनवाई करेगी।

यह है मामला

भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने 6 महीने तक अलग-अलग बिंदुओं पर जांच के बाद महाराज के तीन सेवादारों पलक, शरद और विनायक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई 6 महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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