Chalte Chalte Column Indore: उज्ज्वल शुक्ला, इंदौर (नईदुनिया)। इंदौर की ‘अयोध्या’ कहे जाने वाले चार नंबर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति का प्रमुख केंद्र दशहरा मैदान ही रहता है। किसी समय इस मैदान पर पूर्व मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ का वर्चस्व हुआ करता था। उन्होंने यहां कई धार्मिक और राजनीतिक आयोजन करवाए थे। उनके निधन के बाद भी उनकी संस्था हिंद रक्षक के आयोजन इस मैदान पर होते रहे हैं। अब भी दशहरा मैदान पर आयोजन तो खूब हो रहे हैं, पर अब इन आयोजनों में गौड़ परिवार का हस्तक्षेप नजर नहीं आता। पिछले कुछ माह के बड़े आयोजनों की बात करें तो यहां संक्रांति महोत्सव, भगोरिया मेला, योग मित्र और पोहा पार्टी जैसे कार्यक्रम हुए। इनमें से किसी भी कार्यक्रम में गौड़ परिवार की सक्रियता नजर नहीं आई। ऐसे में दशहरा मैदान से गौड़ परिवार की दूरी राजनीितक गलियारों में चर्चा का विषय बन रही है। कई लोग इसे ‘अयोध्या’ से दूरी से जोड़कर देख रहे हैं।
कथा सुनने से कसम भी नहीं रोक पाई भाजपाइयों को
चुनावी वर्ष में धार्मिक आयोजनों की बाढ़ आई हुई है। सबसे ज्यादा आयोजन पांच नंबर विधानसभा में हो रहे हैं। इसी क्षेत्र में कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल ने पिछले दिनों जया किशोरी की कथा करवाई। इसमें कांग्रेसियों से ज्यादा भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति देखी गई। वह भी तब, जब भाजपा कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में न जाने की कसम दिलाई गई हो। आयोजन से दो दिन पूर्व तिलक नगर के मांगलिक भवन में भाजपा महिला मोर्चा ने गोपनीय बैठक कर कार्यकर्ताओं को कसम दिलाई थी कि वे जया किशोरी की कथा सुनने नहीं जाएंगी। बताया जा रहा है कि बैठक पांच नंबर से भाजपा के टिकट की चाहत रखने वाले पार्षद ने किया था। पार्षद महोदय अब कसम तोड़ने वालों का पता लगवा रहे हैं।
महेश नवमी के आयोजनों पर भी दिख रही चुनावी छाया
शहर में इन दिनों माहेश्वरी समाज जोर-शोर से महेश नवमी के आयोजन कर रहा है। इस समाज को धर्म-कर्म में रुचि रखने वाला भी माना जाता है। दान-धर्म और परमार्थ के कामों में भी समाजजन बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इन सबके बावजूद महेश नवमी के आयोजन में एकरूपता और सामाजिक एकता नजर नहीं आ रही है। समाज की अलग-अलग संस्थाएं कई आयोजन कर रही हैं। ऐसे में समाज के गलियारों में चर्चा है कि पिछले दिनों हुए समाज के चुनावों में जिस प्रकार की गुटबाजी और पैनलबाजी नजर आई थी, उसका असर आयोजनों पर भी दिख रहा है। अखिल भारतीय नेतृत्व की मंशा और लाख प्रयासों के बाद भी समाज के चुनाव निर्विरोध नहीं हो पाए थे। इंदौर सहित प्रदेश के चुनाव में भी दो पैनल आमने-सामने हो गई थीं। चुनाव के दौरान आई खटास का असर महेश नवमी के आयोजनों पर भी नजर आ रहा है।
अपशब्द कहने वाली महिला नेत्री की उपस्थिति पर उठ रहे सवाल
भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी फिर सुर्खियों में है। करीब ढाई साल पूर्व भाजपा के मंडल अध्यक्ष को गालियां बकने का आडियो वायरल होने के बाद उन्हें भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद वे पिछले साल मुख्यमंत्री को पद से हटाने की मांग कर फिर सुर्खियों का केंद्र बनी थीं। पिछले दिनों वे भाजपा नगर कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुईं। वे बैठक में किस हैसियत से शामिल हुई और भाजपा में उनकी वापसी कब हो गई, यह किसी को पता नहीं है। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के नेतृत्व में आयोजित कार्यसमिति की बैठक में गोविंद मालू सहित कई वरिष्ठ नेताओं को मंच पर स्थान नहीं देने को लेकर भी आलोचना हो रही है। ऐसे में सीएम और भाजपा कार्यकर्ता को अपशब्द कहने वाली महिला नेत्री को इतना महत्व देना राजनीतिक गलियारों में खुसुर-पुसुर का विषय बना हुआ है।
Posted By: Hemraj Yadav
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