DAVV Indore: गजेंद्र विश्वकर्मा, इंदौर (नईदुनिया) । कोरोना महामारी के कारण एक ओर शहर के ज्यादातर प्राइवेट संस्थानों में प्लेसमेंट के लिए कंपनियां नहीं आ पा रही हैं, वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के टॉप विभागों में कंपनियों ने आना शुरू कर दिया है। सबसे पहले कंपनियों ने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आइएमएस) और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आइआइपीएस) को चुना है। फाइनेंस और मार्केटिंग प्रोफाइल के लिए प्लेसमेंट प्रक्रिया ऑनलाइन कराई जा रही है। नामी कंपनी डिलॉइट आ चुकी है और कई विद्यार्थियों का पहला राउंड भी क्लियर हो गया है।
इस बार कोरोना के कारण प्लेसमेंट प्रक्रिया ऑनलाइन कराई जा रही है। विद्यार्थियों की स्किल चेक करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम का सहारा लिया जा रहा है। प्लेसमेंट में पहले राउंड में ज्यादातर प्रक्रिया ऑटोमेटेड है। आइएमएस के प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. निशिकांत वाइकर का कहना है कंप्यूटर आधारित टेस्ट होने से चैलेंज बढ़ गया है। कंप्यूटर किसी भी स्तर का प्रश्न विद्यार्थी से पूछ सकता है। नवंबर तक आइएमएस और आइआइपीएस से 200 से ज्यादा विद्यार्थियों को प्लेसमेंट दिलाने का लक्ष्य है। अगले दिनों में टीसीएस, बायजूस, बजाज फाइनेंस सहित कई कपनियां आएंगी।
11 लाख पैकेज वाली कंपनियां भी
कोरोना महामारी के कारण मार्केंटिंग क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ा है, इसलिए इससे संबंधित कंपनियों की संख्या फिलहाल कम हो सकती है, लेकिन फाइनेंस क्षेत्र की कई कंपनियां यूनिवर्सिटी में नौकरी देने के लिए आ सकती हैं। यूनिवर्सिटी में आने वाली कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जिनका शुरुआती पैकेज 11 लाख रुपये वार्षिक है। इंजीनियरिंग कॉलेजों की बात करें तो शहर के दो-तीन ही कॉलेज हैं, जो कंपनियों को अपने स्तर पर आमंत्रित कर प्लेसमेंट प्रक्रिया करा रहे हैं।

हर साल बढ़ रहा है यूनिवर्सिटी का ग्राफ
- 2018 में 1100 विद्यार्थियों को नौकरी मिली थी।
- 2019 में 1200 को कंपनियों ने नौकरी दी।
- 2019 में यूनिवर्सिटी में 120 से ज्यादा कंपनियां आई थी।
- 2020 की शुरुआत हो चुकी है। डिलॉइट आ चुकी है।
- 2019 में यूनिवर्सिटी के आइइटी के छह विद्यार्थी को सबसे ज्यादा 19.5 लाख रुपये वार्षिक पैकेज मिला था।
- आइइटी में 2019 में करीब 400 विद्यार्थियों को नौकरी मिली थी। औसत पैकेज चार से पांच लाख रुपये रहता है।
- आइएमएस, आइआइपीएस और इएमआरसी के 70 से 80 फीसदी विद्यार्थी को नौकरी मिल जाती है। औसत पैकेज 4 से 6 लाख वार्षिक रहता है।
- स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का वार्षिक पैकेज 3 से 4 लाख रुपये रहता है।
ये कंपनियां आती हैं
मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, फाइनेंस, कंसल्टिंग, हेल्थ केयर और कई क्षेत्रों की कंपनियां यूनिवर्सिटी में हर साल प्लेसमेंट प्रक्रिया के लिए आती हैं। कॉग्निजेंट, इंफोसिस, होंडा कार, जेके सीमेंट, विप्रो, टीसीएस, वर्ल्डपे, यश टेक्नोलॉजी, कोलगेट, अमूल इंडिया, महिंद्रा फाइनेंस, एचडीएफसी, अपोलो हॉस्पिटल जैसी कई और कंपनियां विद्यार्थियों को नौकरियां दे चुकी हैं।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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