इंदौर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। मई में जब इंदौर के पाटनीपुरा क्षेत्र में कोरोना फैला हुआ था तो संक्रमित हो चुके परिवारों की मदद के लिए बड़ी मुश्किल से लोग तैयार होते थे। ऐसे माहौल में क्षेत्र के 35 वर्षीय युवक कपिल श्रीवास्तव ने खुद की चिंता किए बगैर कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों को अपनी कार में अस्पताल पहुंचाने का काम किया। इस दौरान खुद भी संक्रमित हो गए। कपील ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया। 14 दिन बाद जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद फिर लोगों की सेवा में जुट गए।
कपिल बताते हैं कि बस्ती में कई गरीब लोग रहते हैं। अप्रैल-मई में पाटनीपुरा-नेहरू नगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा मरीज निकल रहे थे। कई परिवारों के पास अस्पताल जाने के लिए वाहन नहीं थे और उस समय टैक्सी सेवा भी बंद थी। तत्काल उपचार मिले, इसलिए मैंने फैसला लिया कि खुद की कार में उन्हें अस्पताल लेकर जाउंगा। कोरोना काल में 30 से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाया और सभी स्वस्थ्य होकर घर लौटे। इस बात की मुझे तसल्ली है। अस्पताल पहुंचाते समय मैं दो मास्क पहनता था और पीपीई किट की व्यवस्था भी की थी। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान कई संक्रमितों को उनके परिवार की चिंता सताती थी, ऐसे में उनके परिवारों को भी खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम किया।
संक्रमण से ठीक हुए तो प्लाज्मा दान किया
लोगों को अस्पताल पहुंचाने के दौरान कपिल खुद भी कोरोना से संक्रमित हो गए। कम लक्षण होने के कारण उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। संक्रमण से मुक्त होने के बाद कपिल ने प्लाज्मा दान देकर भी संक्रमण से जुझ रहे तीन रोगियों की जान बचाई।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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