Higher Education Department : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सत्र 2022-23 में छात्रवृति को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है। आरक्षित वर्ग वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति तभी मिलेगी, जब कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थित होगी। कालेजों को अनुसूचित जाति (एसटी), अनुसूचित जनजाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों की जानकारी भेजनी है। नियमों में संशोधन को लेकर छात्र-छात्राएं नाराज हैं। हर कोई पुराने नियम को दोबारा लागू करने की मांग कर रहा है।

उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों में बायोमेट्रिक पद्धति से विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन यह व्यवस्था अभी लागू नहीं होगी। इसके लिए विभाग ने कुछ महीनों का समय दिया है। कालेजों को जल्द से जल्द बायोमेट्रिक्स मशीन लगाने पर जोर दिया है। पोस्टमेट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर एससी, एसटी और ओबीसी विभाग ने समीक्षा की। अधिकारियों का कहना है कि कई कालेजों में छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थी नाम लिखवाते हैं मगर सालभर कक्षाओं से गायब रहते हैं। बावजूद इन्हें छात्रवृत्ति जारी होती है।

कालेजों को बताना होगी उपस्थिति - शिकायत मिलने के बाद विभागों ने नियमों में बदलाव किया है। इसके लिए कालेजों को आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों की उपस्थिति बताना अनिवार्य है। प्रत्येक महीने की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग व संबंधित विभागों को देनी है। उसके आधार पर विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति जारी की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति लेने की व्यवस्था बनाई है। कालेजों को मशीन दिसंबर तक लगाना है। अतिरिक्त संचालक डा. सुरेश सिलावट का कहना है कि छात्रवृत्ति से जुड़े नियमों का प्रत्येक कालेज को पालन करना है। उसके आधार पर आवेदनों की जांच होगी।

Posted By: Hemraj Yadav

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