Indore Crime News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। देपालपुर तहसील के काकवा गांव में दबंगों द्वारा पीटे जाने से किसान मायाराम की मौत के बाद समाज के लोगों और रिश्तेदारों में आक्रोश है। शनिवार को एमवाय अस्पताल से मायाराम का शव उनके गांव खिमलावदा ले जाया गया तो गुस्साए लोगों और स्वजन ने काफी देर तक शव यात्रा नहीं निकाली। समाज के लोगों की मांग थी मृत किसान के परिवार को 50 लाख रुपये की शासकीय सहायता दी जाए और उनके बेटे को शासकीय नौकरी दिलाई जाए। अधिकारियों ने मुश्किल से समाजजन को समझाया। फिर अंतिम संस्कार कराया गया।

इससे पहले अपर कलेक्टर राजेश राठौर, एसपी ग्रामीण भगवतसिंह विरदे आदि अधिकारी काकवा गांव में शुक्रवार रात करीब 3 बजे तक रहे और आरोपित बाबूसिंह का शासकीय जमीन पर अवैध रूप से बना मकान तोड़ने की कार्रवाई की। इसके बाद अधिकारी सुबह करीब 5.30 बजे एमवाय अस्पताल गए और किसान मायाराम का शव लेकर काकवा के समीप गांव खिमलावदा पहुंचे। किसान परिवार बागरी समाज से है। समाज के कार्यकर्ताओं की सूचना पर बागरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मंदसौर निवासी परसुराम सिसोदिया भी खिमलावदा पहुंचे। वहां मौजूद अपर कलेक्टर राठौर, डीआइजी ग्रामीण चंद्रशेखर सोलंकी और एसपी विरदे, एसडीएम रवि वर्मा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

अधिकारियों ने समझाया तो निकाली शवयात्रा

अपर कलेक्टर ने बताया कि मायाराम की मौत पर शासन की ओर से 50 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता और घायलों को 20-20 हजार रुपये की सहायता दे दी गई है। एट्रोसिटी एक्ट के तहत किसान परिवार को 4.12 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। अधिकारियों के समझाने के बाद शव यात्रा निकाली गई।

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