Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में गंगवाल बस स्टैंड से मच्छी बाजार होते हुए सरवटे बस स्टैंड तक बन रही सड़क पर सीवरेज के पाइप बिछाने (नाला टेपिंग) के दौरान शुक्रवार को मिट्टी धंसने से एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक का नाम 32 वर्षीय मनोज पुत्र मनाराय है। वह जवाहर टेकरी धार रोड पर रहता था।
मनोज पाइप का नाप लेने के लिए गड्ढे में उतरा था। इस दौरान पोकलेन का पंजा लगने से आसपास की मिट्टी धंसी और मनोज उसमें दब गया। पास में काम कर रहे मजदूर मदद के लिए दौड़े। इस बीच पोकलेन चालक मौके से भाग निकला। मजदूरों ने कुछ दूरी पर ही काम कर रही दूसरी पोकलेन के चालक को बुलाया, जिसके बाद मिट्टी हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच आसपास की बस्तियों के लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फावड़े-तगारी की मदद से मिट्टी हटाना शुरू किया।
सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे
मिट्टी में दबे मनोज को करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पंढरीनाथ थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कामों में बरती जा रही लापरवाही को उजागर कर दिया है। जिस जगह हादसा हुआ, वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। घंटों बाद तक अधिकारियों को घटना की जानकारी तक नहीं थी।
एंबुलेंस नहीं आई तो आटो रिक्शा से अस्पताल भेजा
हादसा शुक्रवार शाम करीब 4 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शी अरविंद यादव और अमजद ने बताया कि पोकलेन की मदद से गड्ढे में पाइप उतारा जा रहा था। पाइप की नपती लेने के लिए एक मजदूर गड्ढे में उतारा गया था। अचानक मिट्टी धंसने लगी। हम उस तरफ दौड़े, लेकिन तब तक मजदूर पूरी तरह से मिट्टी में दब चुका था। करीब आधे घंटे बाद मजदूर को बाहर निकाला जा सका। मौके पर मौजूद लोगों ने 108 एम्बुलेंस के लिए काल भी किया, लेकिन 20 मिनट तक भी एंबुलेंस नहीं आई तो मजदूर को रिक्शा से अस्पताल भेजना पड़ा।
12 फीट से अधिक गहरा था गड्ढा
नईदुनिया की टीम मौके पर पहुंची तो वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। जिस गड्ढे में गिरने से मजदूर की मौत हुई, वह 12 फीट से भी अधिक गहरा था। बताया जा रहा है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज पाइप बिछाने का काम गुजरात की कंपनी कर रही है।
समझ नहीं आ रहा था कि दबा कहां है
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गड्ढे में मिट्टी इतनी ज्यादा गिरी थी कि समझ ही नहीं आ रहा था कि मनोज कहां है। यही वजह थी कि उसे बाहर निकालने में दिक्कत आई। पोकलेन से निकालने में इस बात की आशंका थी कि कहीं पोकलेन का पंजा मजदूर को न लग जाए। लोगों ने धीरे-धीरे फावड़े और तगारी की मदद से मिट्टी हटाना शुरू किया। कुछ देर बाद मिट्टी में दबे मजदूर का हाथ नजर आया। इसके बाद तेजी से मिट्टी हटाई और उसे बाहर निकाला गया। उधर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी का कहना है कि मजदूर की मौत की जानकारी लगी, लेकिन उसका नाम-पता नहीं चल सका है। हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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