Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर 119 वर्ष पुराना गांधी हॉल निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा। नगर निगम खुद इसका रखरखाव और प्रबंधन करेगा। इसमें शहर के प्रबुद्धजन का सहयोग भी लिया जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भविष्य में स्मार्ट सिटी कंपनी गांधी हॉल के रखरखाव और प्रबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं लेगी।
गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंपे जाने का इंदौर की जनता और प्रबुद्धजन पुरजोर विरोध कर रहे थे। आठ बार की सांसद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी घोषणा की थी कि जनता विरोध करेगी तो मैं भी साथ दूंगी। जनता के इस अभियान में नईदुनिया भी अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन करते हुए शामिल हुआ और जनता की आवाज बनकर लगातार खबरें प्रकाशित की। असर यह हुआ कि निगम को अपना फैसला वापस लेते हुआ पैर पीछे खींचना पड़े।
नगर निगम ने बुलाई थी निविदा
गौरतलब है कि नगर निगम ने गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंपे जाने की पहल करते हुए इसके रखरखाव और प्रबंधन के लिए निजी कंपनियों से निविदाएं बुलवाई थीं। रखरखाव और प्रबंधन के बदले में निजी कंपनी को गांधी हॉल और परिसर को किराए पर देने, यहां रेस्टारेंट खोलने जैसे कई अधिकार मिलना थे। उज्जैन की एक कंपनी ने निविदा में सबसे ज्यादा 50 लाख रुपये वार्षिक का प्रस्ताव नगर निगम को दिया था।
नईदुनिया में खबर प्रकाशित होने के बाद मैदान में उतरे नागरिक
नईदुनिया ने चार दिन पहले गांधी हॉल को निजी हाथों में सौंप जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद इंदौर के नागरिक निगम के प्रयास के विरोध में मैदान में उतर आए। नईदुनिया ने भी पत्रकारीय धर्म और नैतिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए आमजन की आवाज को शब्दों में पिरोकर समाचार पत्र में प्रमुखता से स्थान दिया। गुरुवार सुबह महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गांधी हॉल का प्रबंधन और रखरखाव निजी हाथों में नहीं सौंपने के फैसले पर मुहर लगा दी।
Posted By: Hemraj Yadav
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