Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सालिड वेस्ट और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती है। यह सेक्टर लंबे समय से आर्थिक संकटों से जूझ रहा है। ऐसे में इस सेक्टर में निजी निवेश के लिए पीपीपी माडल लाना जरूरी है।
यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कही। वे शुक्रवार को नेशनल सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर विशेष अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित किया। कार्यशाला का विषय बिल्डिंग द फ्यूचर वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइकलिंग इंडिया रखा गया है। कार्यशाला में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
कचरे से भी पैदा होगा पैसा
गड़करी ने कहा कि सड़क निर्माण के क्षेत्र में सरकार एचएएम माडल लाई है। इसी तरह के माडल की जरूरत वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी है। उन्होंने कहा कि पीपीपी माडल से कचरे से पैसा भी पैदा होगा। इसके लिए इस प्रोजेक्ट में कच्चे माल की उपलब्धता, आर्थिक दक्षता और मार्केटिबिलिटी जरूरी है। वर्तमान में सड़क बनाने के लिए सड़क मंत्रालय नगर निगमों से सेग्रिगेटेड वेस्ट कच्चे मटेरियल के रूप में खरीद रहा है। इस क्षेत्र में पीपीपी माडल आने से वेस्ट मैनेजमेंट को नई दशा और दिशा मिलेगी।
इंदौर जो ठान लेता है करके रहता है - महापौर
होटल मेरियट में आयोजित कार्यशाला में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी शामिल हुए। उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि अगर उनके पास सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कोई सुझाव हो तो वे साझा करें। इंदौर सुझावों का स्वागत करेगा। इंदौर की पहचान है कि वह जो ठान लेता है, उसे करके ही रहता है। इस मौके पर नेशनल सालिड वेस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष डा. अमिया साहू, उपाध्यक्ष संदीप पटेल भी उपस्थित थे। कार्यशाला में देशभर से इस क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। वे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, रिसाइकलिंग, कार्बन क्रेडिट, ईएसजी, प्लास्टिक वेस्ट, बायो वेस्ट आदि को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कार्यशाला में अलग-अलग सत्र भी आयोजित किए गए हैं।
Posted By: Hemraj Yadav
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