Indore News: कपिल नीले, इंदौर (नईदुनिया)। नंदानगर स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) के शासकीय वाहन चालक प्रशिक्षण संस्थान को शोध केंद्र का दर्जा मिल गया है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने यह अनुमति दी है। परिवहन विभाग के मार्गदर्शन में चलने वाले इस संस्थान में अब लाइसेंस के लिए हर कोई ट्रायल दे सकेगा। इसके लिए आइटीआइ में बने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा। संस्थान ने इसके लिए मंत्रालय से दो करोड़ रुपये मांगे हैं। इस राशि से ट्रैक के आसपास सेंसर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि ट्रायल के दौरान वाहन चालक की गड़बड़ी को पकड़ा जा सके।
अधिकारियों के मुताबिक, ट्रायल के बाद संस्थान से रिपोर्ट जारी होगी। उसके आधार पर क्षेत्रीय परिवहन विभाग लाइसेंस जारी करेगा। 2010 से संचालित प्रशिक्षण संस्थान को बीते दिनों मंत्रालय से अनुमति मिली है। शोध केंद्र बनने के बाद आइटीआइ ड्राइविंग इंस्टीट्यूट के अधिकार बढ़ाए गए हैं। पहले सिर्फ महिलाओं को हल्के-भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता था। साथ ही प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, भारी वाहनों के ट्रायल होते थे। अब सभी को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
तीन करोड़ का मांगा बजट
केंद्र को विकसित करने के लिए संस्थान की तरफ से बजट मांगा गया है। इसमें ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को अपग्रेड करने का काम शामिल है। ट्रैक के आसपास सीसीटीवी व सेंसर सहित अन्य उपकरण लगाने के लिए केंद्र ने दो करोड़ 98 लाख 25 हजार की राशि मांगी है। वहीं, वाहनों की ट्रेनिंग देने के लिए कार-ट्रक का सिम्युलेटर खरीदने के लिए 22 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाया है, जो परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया है।
ड्राइविंग स्कूलों का निरीक्षण
शोध केंद्र बनने से आइटीआइ को ड्राइविंग स्कूलों का आडिट और मान्यता देने का अधिकार मिल गया है। जिन्हें ड्राइविंग स्कूल शुरू करना है, उन्हें भी मान्यता के लिए यहां आवेदन करना होगा। अधिकारियों के मुताबिक, गली-मोहल्लों में चलने वाले ड्राइविंग स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाएगा। अनियमितता मिलने पर ड्राइविंग स्कूल की मान्यता खत्म करेंगे। ड्राइविंग स्कूल संचालित करने के लिए दो से ढाई एकड़ जमीन जरूरी है।
हादसों की कर सकेंगे जांच
शोध केंद्र को सड़क हादसों की जांच करने का अधिकार भी मिल गया है। केंद्र के सदस्यों को जांच समिति में रखा जाएगा। उनकी रिपोर्ट पर शासन कार्रवाई कर सकेगा।
चार नए कोर्स तैयार
आइटीआइ शासकीय वाहन चालक प्रशिक्षण व शोध केंद्र के प्रभारी अनिल शर्मा ने बताया कि केंद्र बनने के बाद ड्राइविंग ट्रेनिंग के चार नए कोर्स तैयार किए गए हैं, जिनकी अवधि छह से आठ सप्ताह की रखी है। इसकी फीस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट कमेटी तय करेगी। वैसे प्रशिक्षण देने के लिए पांच नए वाहनों के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
आदेश मिलने का इंतजार
क्षेत्रीय परिवहन विभाग की एआरटीओ अर्चना मिश्रा का कहना है कि आइटीआइ के पास पहले ही बहुत अच्छा टेस्टिंग ट्रैक मौजूद है। इसे अपग्रेड करने के लिए केंद्र से गाइडलाइन आना बाकी है। परिवहन विभाग से आदेश मिलने का इंतजार है। जैसे ही स्थिति स्पष्ट होगी ट्रैक को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा।
Posted By: Hemraj Yadav