Interview: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश में अब शास्त्रीय नृत्य और शास्त्रीय संगीत नई करवट लेंगे। मध्य प्रदेश की कलाप्रेमी धरती पर संस्कृति व कला को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां हो रही हैं। संस्कृति विभाग व जन अभियान परिषद मिलकर हर जिले में इस क्षेत्र में रुचि रखने वालों को साथ में जोड़ने का कार्य करेंगे। राज्य में अगले कुछ समय में कला-संस्कृति को लेकर बहुत कुछ विशेष होने की राह खुल रही है।
यह कहना है मध्य प्रदेश शासन की उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत व कला अकादमी के निदेशक तथा सानंद न्यास संस्था, इंदौर के मानद सचिव जयंत भिसे का। नईदुनिया से विशेष बातचीत में कहते हैं- तानसेन समारोह, खजुराहो नृत्य समारोह और अलाउद्दीन खां संगीत समारोह मैहर जैसे आयोजनों से जनता को और अधिक जोड़ने के प्रयास जारी हैं। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक संस्थाओं व श्रोताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कार्य हो रहा है। पूरे प्रदेश की सांस्कृतिक संस्थाएं एक-दूसरे की कला से परिचित हों और कलाकारों को भी सभी आपस में पहचानें, इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है। भिसे ने बातचीत में अपना मन खोला और प्रश्नों के सारगर्भित उत्तर दिए।
प्रश्न - प्रदेश में कई सांस्कृतिक संस्थाएं हैं। इन्हें एकजुट करने के लिए क्या कोशिश की जा रही है?
भिसे - प्रदेश में पहले से जन अभियान परिषद कार्य कर रहा है। प्रदेश के 52 जिलों में परिषद के जिला प्रमुख भी कार्य कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि संस्कृति विभाग अब जन अभियान परिषद के इस विशाल नेटवर्क के साथ मिलकर सभी सांस्कृतिक संस्थाओं को एकजुट करने में सहयोग ले। इससे संस्थाओं और कलाकारों को प्रदेशव्यापी पहचान मिलेगी।
प्रश्न - मैहर बैंड के अनुभव से युवाओं को कैसे जोड़ रहे हैं?
भिसे - मैहर बैंड की बुनियाद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की महामेधावी शख्सियत और अन्वेषक बाबा अलाउद्दीन खां ने 1917 में रखी थी। उस वक्त उस्ताद अलाउद्दीन खां राजा को आठ घंटे तक पढ़ाते थे तथा चार घंटे बैंड का काम देखते थे। वर्ष 1949 में आजादी के बाद विंध्य प्रदेश बनने पर बैंड को खत्म करने की नौबत आ गई थी। मगर तब केंद्र सरकार ने दखल देकर इसे बचा लिया था। वर्ष 1955 में यहां संगीत का एक कालेज खोलकर बैंड को उससे जोड़ दिया गया था। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐतिहासिक मैहर बैंड को हमेशा जिंदा रखेंगे। इस समय के युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को इसका अनुभव मिल सके, इसके लिए कला को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रश्न - मध्य प्रदेश में कला व कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए किस तरह के कार्य किए जा रहे हैं?
भिसे - भोपाल स्थित भारत भवन में लंबे समय से रंगमंडल बंद पड़ा था। अब रंगमंडल के प्रमुख के रूप में नियुक्ति करवाई गई है। हमारा सामान्य विचार है कि प्रदेश में आंचलिक रंगमंडल बने। इसमें समय-समय पर वर्कशाप हो। हर जिले में कला की प्रस्तुतियां हों। हर जिले में सांस्कृतिक गतिविधियां हों और सभी आपस में मिलें। इससे कलाकार परस्पर एक-दूसरे को जानेंगे और मिलकर कई तरह के नए प्रयोग हो सकेंगे। तानसेन की जन्मस्थली पर भी भव्य आयोजन किया जाए, इसके लिए सरकार से बात की गई है। इसके तहत कलाकारों की उपस्थिति में हर शनिवार, रविवार को आयोजन करवाने की योजना बन रही है।
प्रश्न - संगीत से जुड़े पर्यटन में भी अपार संभावनाएं हैं। इसे किस तरह से बढ़ावा देने की कोिशश की जा रही है?
भिसे - देखिए, मध्य प्रदेश तेजी से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। अब प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के साथ ही कई राज्यों और देशों के लोग यहां की संस्कृति को समझने के लिए भी आने लगे हैं। हम उन्हें राज्य की कला, संस्कृति, लोक-जीवन से कैसे रूबरू करवा सकते हैं, इस पर विचार चल रहा है। प्रदेश में कई ऐसी कलाएं हैं, जिन्हें विश्व में पसंद किया जाता है। इन्हें देखने व इनके बारे में जानकारी एकत्रित करने बड़ी संख्या में पर्यटक प्रदेश आते हैं। हमारी कोशिश है कि जहां भी पर्यटन केंद्र हैं, वहां स्थानीय कलाओं को बढ़ावा दिया जाए।
प्रश्न - उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत व कला अकादमी के तहत किस तरह के कार्यों को बढ़ाया जा रहा है?
भिसे - कला अकादमी खजुराहो नृत्य समारोह और तानसेन समारोह को यादगार बनाने के लिए अब और बेहतर तैयारियां कर रही है। प्रदेश में जहां-जहां शासकीय समारोह होते हैं, वहां देखने में आता है कि शास्त्रीय संगीत के श्रोताओं में कमी हो रही है। हम जानते हैं कि इस विशुद्ध कला के श्रोता सीमित हैं। ऐसे में हम योजना बना रहे हैं कि भविष्य में होने वाले आयोजनों में श्रोताओं की संख्या किस तरह से बढ़ाई जाए। इसके लिए जिलास्तर पर श्रोता बिरादरी तैयार की जा रही है। इसका प्रस्ताव भी हम संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को दे चुके हैं। इसके तहत ऐसे लोगों की सूची बनाई जाएगी, जिन्हें इन कलाओं में रुचि है। इन्हें आयोजनों की समय-समय पर जानकारी दी जाएगी और सम्मान के साथ आमंत्रित किया जाएगा।
Posted By: Hemraj Yadav