Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में बहुत जल्द किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा। इसके बाद अस्पताल में होने वाले किडनी दान मामलों में किडनी अस्पताल में ही भर्ती किसी अन्य मरीज को हाथों-हाथ प्रत्यारोपित की जा सकेगी। वर्तमान में किडनी प्रत्यारोपण की व्यवस्था नहीं होने की वजह से अंगदान की स्थिति में अस्पताल में भर्ती मरीज को कोई लाभ नहीं हो पाता। दान में प्राप्त किडनी को किसी अन्य अस्पताल को देना होता है।

एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डा.संजय दीक्षित ने जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने की पुष्टि करते हुए बताया कि सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में लगातार नई-नई सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। यहां पहले ही से न्यूरोलाजी, कार्डियोलाजी, नेफ्रोलाजी सहित अन्य विभाग काम कर रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लाट शुरू होने के बाद यहां के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद धीरे-धीरे अन्य अंग प्रत्यारोपण भी शुरू हो जाएंगे। इन सब का फायदा गरीब वर्ग के मरीजों को मिलने लगेगा।

कम होने लगी आइपीडी

इधर एमवायएच अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज (आइपीडी) की संख्या में लगातार कमी आ रही है। डाक्टरों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह कार्य का विभाजन है। कुछ वर्ष पहले तक एमवायएच के स्त्रीरोग विभाग में बड़ी संख्या में महिलाएं भर्ती होती थी लेकिन एमटीएच अस्पताल शुरू होने के बाद एमवायएच पर मरीजों का दबाव कम हो गया है।

इसी तरह नेत्ररोग विभाग के मरीज स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई में शिफ्ट हो गए हैं। यहां आंखों के आपरेशन भी शुरू हो गए हैं। एमवायएच से शिशु रोग विभाग भी धीरे-धीरे चाचा नेहरू अस्पताल शिफ्ट हो रहा है। यही वजह है कि एमवायएच में जहां कुछ वर्ष पहले तक 1200 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते थे वहीं इन दिनों यह संख्या 500-600 के आसपास पहुंच गई है।

हालांकि एमवायएच की ओपीडी में पहुंचने वालों की संख्या में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। यहां आज भी डेढ हजार से ज्यादा मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंच रहे हैं।

Posted By: Sameer Deshpande

Mp
Mp