Indore Crime News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। क्राइम ब्रांच ने शातिर ठग मुकेश राजपूत को गिरफ्तार किया है, जो स्वयं को डिप्टी कलेक्टर (एसडीएम) बताकर लोगों को ठगता था। आरोपित ने एक महिला को बाबू और उसके बेटे को नायब तहसीलदार बनाने का झांसा दिया था। उनसे लाखों रुपये भी ले चुका था। उसके विरुद्ध सीहोर के दोराहा थाने में भी फर्जीवाड़ा का प्रकरण दर्ज है।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) राजेश हिंगणकर के मुताबिक हिमांशु पुत्र हरीश कुमार निवासी सबरी नगर सुखलिया की शिकायत पर आरोपित मुकेश राजपूत निवासी रतवाड़ा (जिला होशंगाबाद) के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

हिमांशु ने पुलिस को बताया कि आरोपित मुकेश ने स्वयं को डिप्टी कलेक्टर बताया था। उसने कहा था कि अफसरों से घनिष्ठ संबंध है। वह कलेक्टर कार्यालय या राजस्व विभाग में नौकरी लगवा सकता है। आरोपित ने हिमांशु की मौसी सुलभा जैन को बाबू और उनके बेटे शशांक को नायब तहसीलदार बनाने का झांसा देकर दो लाख पचास हजार रुपये ले लिए।

उसने एक साल तक विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया का झांसा दिया और बाद में फरार हो गया। पुलिस ने मंगलवार को मुकेश के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद देर रात उसे गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया है। फर्जीवाड़ा में कोई अन्य तो शामिल नहीं, इसकी जांच चल रही है।

पीएससी में चयन नहीं हुआ तो फर्जी अफसर बन ठगने लगा

एडिशनल डीसीपी (अपराध) गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक मुकेश पुत्र रमेश राजपूत के विरुद्ध सीहोर के दोराहा थाने में भी धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध है। उसने अफसर बनकर ठगी की थी। पूछताछ में बताया कि वह अफसर बनना चाहता था। पीएसपी में प्री तो पास कर ली, लेकिन मेंस में अटक गया।

इसके बाद वह खुद को अफसर बताकर ठगने लगा। फरियादी हिमांशु से उसकी कोरोना के दौरान मुलाकात हुई थी। हिमांशु का गाने रिकार्ड करने का स्टूडियो है। आरोपित स्टू़डियो में गाना रिकार्ड करवाने जाता था। वह स्कार्पियो गाड़ी से जाता था।

उसने कहा था कि वह डिप्टी कलेक्टर (एसडीएम) है। उसकी अफसरों से पहचान है। एक तहसीलदार को चांटा मारने के कारण शासन ने उसकी निलंबित कर रखा है। फिलहाल वह मानव अधिकार आयोग में पदस्थ है। उसने हिमांशु को नौकरी लगवाने का झांसा दिया।

हिमांशु ने मौसी सुलभा से मिलाया। उसने सुलभा और उनके बेटे शशांक से रुपये ऐंठ लिए। एडीसीपी के मुताबिक हिमांशु से कहा कि तुम्हारा स्टू़डियो बहुत छोटा है। कनाड़िया रोड पर बड़ी जगह दिलवा देता हूं। किसी भी एसडीएम और पटवारी को बोल दूंगा। उसने हिमांशु से भी 2 लाख 30 हजार रुपये ले लिए, लेकिन जगह आज तक नहीं दिलाई।

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