Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। महिलाएं हर तरह के रिश्ते में शाश्वत प्रेम और देखभाल की मिसाल हैं, चाहे वह मां हो या पत्नी। जब अपने प्रियजनों की जान बचाने की बात आती है, तो वह कोई सीमा नहीं देखते हैं। ऐसा ही शहर के चोइथराम अस्पताल में देखने को मिला, जब एक 52 वर्षीय महिला ने अपने लिवर का एक हिस्सा अपने 55 वर्षीय पति को दान किया। वहीं दूसरे मामले में 55 वर्षीय महिला ने अपने 27 वर्षीय बेटे को बचाने के लिए अपने लिवर का एक हिस्सा दान किया।

दोनों लाइव डोनर लिवर प्रत्यारोपण एक ही दिन में चार आपरेशन थिएटर में एक साथ किए गए। चारों मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। प्रत्यारोपण को डा. विवेक विज और डा. सुदेश शारदा के नेतृत्व में सर्जिकल विशेषज्ञों की टीम डा. पीयूष श्रीवास्तव, डा. नितिन शर्मा, डा. नीरज गुप्ता के साथ ही 20 नर्सिंग स्टाफ और टेक्नीशियन ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डा. संजय दीक्षित ने टीम को बधाई दी।

डिपार्टमेंट आफ लिवर एंड बिलियरी डिसिजेस के विभागाध्यक्ष डा. अजय जैन ने बताया कि भारत में लिवर प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता दर लगभग 95 प्रतिशत है और सफल सर्जरी के बाद लगभग सभी रोगी अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर देते हैं। भारत में मोटापा, मधुमेह और मेटाबालिक सिंड्रोम के साथ-साथ शराब का सेवन करने के कारण लीवर में परेशानी देखने मिलती है, जिसके बाद कई केस में लिवर प्रत्यारोपण करने की आवश्यकता होती है।

Posted By: Sameer Deshpande

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