MP Board Result 2023: इंदौर, भोपाल। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं की परीक्षा में प्रदेश भर में पहले नंबर पर आए इंदौर के मृदुल पाल सामान्य पृष्ठभूमि के छात्र हैं। उनके पिता हरिशंकर पाल यशवंत क्लब में 30 वर्षों से स्विमिंग पूल इंचार्ज हैं।
मृदुल की मां उर्मिला गृहिणी हैं और साथ ही सिलाई का काम भी करती हैं। पाटनीपुरा क्षेत्र में रहने वाले मृदुल फिलहाल लखनऊ में मौसा-मौसी के घर पर हैं। मृदुल का कहना है वे 11वीं में पीसीएम विषय का चयन कर जेईई की तैयारी करेंगे।
वे बताते हैं मैं हर दिन एक लक्ष्य तय करता था और संबंधित विषय के चैप्टर की पढ़ाई करता था। हर रोज तीन से चार घंटे पढ़ाई करता था। मुझे उम्मीद थी कि राज्य स्तरीय मेरिट में पहले पांच में तो आ ही जाऊंगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी के दौरान मोबाइल से दूर रहा। मुझे स्विमिंग का शौक है, इसलिए उसे नियमित करने जाता था।
मैकेनिक पिता की बेटी ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल कर बढ़ाया मान

पाटनीपुरा में रहने वाली प्राची गढ़वाल ने 10वीं में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनके पिता हुकुमचंद पेशे से मैकेनिक हैं और मां प्रीति गृहिणी हैं। तीन भाई बहनों में प्राची सबसे बड़ी है। वे बताती हैं बिना कोचिंग क्लास गए उन्होंने स्कूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन में घर पर ही पढ़ाई की। चार से छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करती थी। मेरा सपना साफ्टवेयर इंजीनियर बनना है।
पिता का खेती में किया सहयोग, इंजीनियर बनने का है सपना

राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में कक्षा 10वीं में तीसरा स्थान पाने वाले इंदौर के युवराज सिंह चौहान के पिता भगवान सिंह श्रीराम तलावली क्षेत्र में कृषि कार्य करते हैं और मां रीना चौहान गृहिणी हैं। युवराज बताते हैं उन्होंने निरंतर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। जब कभी समय मिलता तो कृषि कार्य में अपने पिता का हाथ भी बंटाने जाते थे। उनका सपना इंजीनियर बनने का है। वे बताते हैं संयुक्त परिवार में रहने के कारण सभी सदस्यों का मार्गदर्शन व सहयोग मिला, इससे अपना मुकाम हासिल करने में मदद मिली।
12वीं कक्षा के होनहार
सात किलोमीटर साइकिल चलाकर जाते थे स्कूल, इंदौर में पढ़ाई हुई आसान

12वीं की राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में वाणिज्य संकाय में तीसरा स्थान पाने वाले मल्हारआश्रम स्कूल के छात्र आकाश पांडे सुपर 100 के छात्र हैं और रीवा के समीप मऊगंज जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता प्रदीप पांडे बेंगलुरु में काम करते हैं और मां अर्चना गृहिणी हैं। आकाश पांडे बताते हैं रीवा में जब वे 10वीं कक्षा में थे तो सात किलोमीटर दूर साइकिल से स्कूल जाना पड़ता था। सुपर-100 में चयन होने के बाद इंदौर आकर होस्टल में रहने और कोचिंग में पढ़ने का मौका मिला तो पढ़ाई में आसानी हुई। लक्ष्य सीए करके विदेश में फाइनेंस क्षेत्र में काम करना है। वे बताते हैं हर दिन स्कूल व कोचिंग की पढ़ाई के बाद छह से सात घंटे सेल्फ स्टडी करते थे।
भाई ने पढ़ाई छोड़ हाट बाजार मे चने परमल बेचे, बहन ने राज्य मेरिट में बनाया मुकाम
12वीं की राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में वाणिज्य संकाय में पांचवां स्थान लाने वाली खुशी जायसवाल शा. एसीएम कन्या उमावि क्रं 1 पोलोग्राउंड की छात्रा हैं और कुशवाह नगर में रहती हैं। उनके पिता जगप्रसाद जायसवाल का वर्ष 2016 में निधन हो गया तब खुशी पांचवीं कक्षा में थी। परिवार में मां शिवकुमारी के अलावा चार भाई-बहन थे। ऐसे में भाई शिवा ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई नहीं की और हाट बाजार में चने-फुटाने, मुरमुरे परमल की बिक्री के पिता के काम को संभाला। भाई नायता मुंडला व देपालपुर व शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले हाट बाजार में बिक्री के लिए जाते हैं। परिवार का इस तरह का संघर्ष देखने वाली खुशी कहती हैं परिवार का सहयोग मिला और रोज पांच से छह घंटे पढ़ाई की। किसी कोचिंग क्लास के बजाय स्कूल की पढ़ाई के आधार पर ही परीक्षा की तैयारी की। अब वे सीए बनकर अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देना चाहती हैं।
पन्ना में हीरा खदान में मजदूरी करते हैं पिता, सीए बनने का है सपना

12वीं में राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में वाणिज्य संकाय में सातवां स्थान लाने वाल मल्हारआश्रम स्कूल के छात्र कमल सिंह यादव सुपर 100 के छात्र हैं और पन्ना के रहने वाले हैं। कमल के पिता लखन सिंह यादव बिलखुरा गांव में खेत पर मजदूरी करते हैं। वे वहां पर हीरा खदान में भी मजदूरी करते हैं। कमल बताते हैं उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वो मुझे इंदौर पढ़ने भेज सके। सुपर-100 में चयन होने के बाद मुझे सीए की कोचिंग का प्रशिक्षण मिला। मैं सीए बनकर परिवार की आर्थिक मदद करना चाहता हूं। मैं परिवार में सबसे बड़ा और अपने दो छोटे भाई बहनों को अच्छी पढ़ाई करवाना चाहता हूं।
पिता चलाते हैं आटो रिक्शा, इंजीनियर बन परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे विवेक

12वीं में जिला स्तरीय प्रावीण्य सूची में दूसरे नंबर पर रहे विवेक भार्गव के पिता मनोज भार्गव आटो रिक्शा चलाते हैं। उनकी मां ज्योति भार्गव गृहिणी हैं। विवेक बताते हैं पिता ने काफी संघर्ष कर पढ़ने के लिए प्रेरित किया है। पढ़ाई में घर की आर्थिक परिस्थिति को कभी आड़े नहीं आने दिया। अब वे इंजीनियर बन अपने घर की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। विवेक कहते हैं मैं स्कूल के अलावा सेल्फ स्टडी के साथ हर दिन 10 घंटे पढ़ाई करता था
एमपी बोर्ड के परिणामों में नरसिंहपुर और बालाघाट ने मारी बाजी
बड़े शहर के विद्यार्थियों को पछाड़ते हुए छोटे शहरों के विद्यार्थियों ने प्रदेश की प्रवीण्य सूची में स्थान बनाया है। 10वीं और 12वीं की प्रदेश प्रवीण्य सूची में नरसिंहपुर से 28 विद्यार्थियों ने स्थान पाया है जबकि बालाघाट जिले से 21 विद्यार्थियों को इस सूची में स्थान मिला है।
ऐसा पहली बार हुआ है जब बालाघाट में एक साथ 21 विद्यार्थी प्रदेश की प्रवीण्य सूची में स्थान पाने में सफल हुए हैं। इसी तरह इंदौर से 10वीं बोर्ड की राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में पहली बार इंदौर के 13 विद्यार्थी शामिल हुए, वही 12वीं के 13 विद्यार्थी राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में जगह बनाने में सफल रहे।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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