MP High Court: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के बीआरटीएस की डेडिकेटेड लेन में फिलहाल दूसरे वाहन आवाजाही नहीं कर सकेंगे। इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) ने बीआरटीएस के 700 मीटर के हिस्से में दूसरे वाहनों की आवाजाही की अनुमति मांगते हुए एक आवेदन हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया है। गुरुवार को युगलपीठ के समक्ष इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में इंदौर नगर निगम, शासन और एआइसीटीएसएल से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि इंदौर के बीआरटीएस प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में चल रही हैं। दोनों ही में याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी हैं। याचिकाओं में बीआरटीएस की मूल योजना को चुनौती देते हुए इसे नियम विरुद्ध बताते हुए तोड़ने के आदेश देने की मांग की गई है। याचिकाएं 2015 से लंबित हैं। इस बीच आइडीए ने याचिकाओं में एक आवेदन देकर मांग की है कि भंवरकुआं चौराहे पर प्रस्तावित फ्लाई ओवर बनने के दौरान बीआरटीएस के 700 मीटर लंबे हिस्से में सभी वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
नगर निगम, एआइसीटीएसएल और शासन को जानकारी नहीं
कोर्ट ने मूल याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी से पूछा कि वे इस बारे में क्या कहना चाहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि बीआरटीएस प्रोजेक्ट इंदौर नगर निगम का है। इस पर सिटी बसें एआइसीटीएसएल चलाता है। रखरखाव की जिम्मेदारी शासन के पास है, लेकिन इन तीनों को ही सूचना नहीं है।
सिर्फ 700 मीटर लंबे हिस्से में मांगी अनुमति
आइडीए ने 700 मीटर लंबे बीआरटीएस में वाहनों की आवाजाही की अनुमति मांगी है। इसके लिए यातायात दबाव, भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट भी नहीं बनाई है। नौलखा से राजीव गांधी प्रतिमा तक की लंबाई 2000 मीटर है, लेकिन सिर्फ 700 मीटर के लिए अनुमति मांगी गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मूल याचिकाओं पर सुनवाई की जाए। इस पर कोर्ट ने नगर निगम, शासन और एआइसीटीएसएल से आवेदन पर जवाब देने को कहा।
Posted By: Hemraj Yadav
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