MP High Court: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में पांच वर्ष पहले हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बस हादसा किसकी लापरवाही से हुआ था, इसे लेकर गुरुवार को हाई कोर्ट में बहस शुरू हुई, जो अधूरी रही। अब बहस 17 अप्रैल को होगी।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि जिस बस से हादसा हुआ, वह 2003 मॉडल थी। बस का स्पीड गवर्नर बता रहा है कि हादसे के वक्त बस 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। हादसे में पांच मासूम बच्चों सहित छह लोगों की जान गई है। इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी थी, लेकिन पुलिस ने खानापूर्ति के लिए दिखावटी कार्रवाई की है। अधूरी बहस 17 अप्रैल को भी जारी रहेगी।
पांच बच्चों सहित छह लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 5 जनवरी 2018 को डीपीएस की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। बायपास पर हुए इस हादसे में बस में सवार पांच बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। बस सवार कई बच्चों को गंभीर चोट आई थी। महीनों इन घायल बच्चों का इलाज चलता रहा। हादसे के बाद शासन स्तर पर एक जांच हुई थी। इसमें यह बात सामने आई थी कि हादसे के वक्त बस की गति 90 किमी प्रतिघंटा थी।
हादसे को लेकर छह याचिकाएं हैं दर्ज
हादसे को लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हुईं। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट मनीष यादव ने बताया कि गुरुवार को दो याचिकाओं में याचिकाकर्ता की तरफ से बहस शुरू हुई, जो अधूरी रही। मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।
Posted By: Hemraj Yadav
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