National Water Awards: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। लीजिए...अपने माथे पर जीत का एक और मुकुट स्वीकार कीजिए। दरअसल, इंदौर को नगरीय निकाय श्रेणी में इस बार राष्ट्रीय जल पुरस्कार में देशभर में दूसरा स्थान मिला है। हमने देश के तमाम दिग्गज और मझले शहरों को पछाड़कर यह सम्मान पाया है। हालांकि, इसके लिए हमारे शहर ने भूजल पुनर्भरण के लिए कठोर मेहनत की। वहीं, उपचारित पानी के उपयोग की समझदारी भी दिखाई। इसके साथ ही जल को लेकर ऐसे-ऐसे काम किए कि राष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ी।
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में इस वर्ष नगर निकाय श्रेणी में इंदौर को दूसरा पुरस्कार मिला है। पहले स्थान पर चंडीगढ़ ने बाजी मारी है। गौरतलब है कि मंत्रालय द्वारा इस श्रेणी में पहली बार पुरस्कार घोषित किए गए हैं। पिछले वर्ष इंदौर जिले को प्रथम पुरस्कार मिला था और हमने इस बार नगरीय निकाय श्रेणी में दूसरा पुरस्कार पा लिया।
इन कामों ने दिलवाया सम्मान
इंदौर नगर निगम द्वारा शहर में कुएं-बावड़ियों की सफाई, शहर में 80 हजार घरों में भूजल पुनर्भरण इकाइयां स्थापित करने, एक लाख घरों की जियो टैगिंग का काम करने व कुएं, तालाब, बावड़ियों की सफाई करने, उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने, उपचारित पानी का पुन: उपयोग करने जैसे कामों ने इंदौर को यह सम्मान दिलवाया। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 17 जून को दिए जाएंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नई दिल्ली में सम्मानित करेंगे।
जनभागीदारी से पाया यह मुकाम
इंदौर की पूर्व निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि इंदौर की जनता के मन में जनभागीदारी का विचार बहुत अच्छी तरह बैठा हुआ है। लोगों ने विशेष प्रयास करते हुए घर-घर में भूजल पुनर्भरण इकाइयां स्थापित कीं। जिस तरह इंदौर शहर सफाई का महत्व समझता है, उसी तरह लोग पानी का महत्व भी समझते हैं। आगामी वर्षो में भी इंदौर सफाई के साथ जल संरक्षण में शत-प्रतिशत कार्य कर अव्वल बना रहेगा, ऐसा मेरा कार्यानुभव है। (जब उपरोक्त कार्य हुए, तब श्रीमती पाल नगर निगम इंदौर की आयुक्त पदस्थ थीं)
इंदौर को इन वजहों से मिला पुरस्कार
भूजल पुनर्भरण के लिए जनता का मिला सहयोग - शहर में निजी व शासकीय भवनों, रहवासी सोसायटी, औद्योगिक क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थान, व्यावसायिक संस्थान व धार्मिक स्थलों पर भूजल पुनर्भरण इकाइयां लगवाई गईं। 10 स्थानों पर भूजल की रियल टाइम मानीटरिंग के लिए पीजो मीटर लगाए गए।
तालाबों का निर्माण व नए रिचार्ज जोन - शहर में 11 रिचार्ज जोन के रूप में छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण करवाया गया। इसका असर यह हुआ कि वर्षा काल में ज्यादा पानी बरसने के बाद भी शहरी क्षेत्र को अतिवृष्टि का सामना नहीं करना पड़ा और भूजल में वृद्धि हुई।
पानी की चैनलों की सफाई व तालाबों को किया अतिक्रमण मुक्त - इंदौर में कान्ह व सरस्वती नदी में जिन चैनलों, तालाबों के माध्यम से पानी पहुंचता था, ऐसी आठ चैनलों पर से अतिक्रमण हटाया गया। चैनलों की लंबाई, चौड़ाई के साथ गहराई भी बढ़ाई गई। बीच में बोल्डर चेक व चेक डेम का निर्माण किया गया। इसका असर यह हुआ कि पिछली बार हुई 17 इंच बारिश में तालाब पूर्ण क्षमता से भर गए।
350 एमएलडी सीवरेज के पानी के उपचार के बाद 105 एमएलडी पुन: उपयोग - कबीटखेड़ी सहित शहर के 10 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से करीब 360 एमएलडी पानी उपचारित किया जा रहा है। इसमें से करीब 105 एमएलडी पानी का पुन: उपयोग किया जा रहा है। इसमें 200 उद्यानों को ट्रीट किया पानी पहुंचाया जा रहा है। टैंकरों से पानी भवन निर्माण, गार्डन के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। मेट्रो लाइन के निर्माण के लिए भी उपचारित पानी का ही उपयोग हो रहा है। पीपल्यापाला व पीपल्याहाना तालाब में भूजल रिचार्ज के लिए उपचारित पानी का उपयोग हो रहा है। चिड़ियाघर के 52 एकड़ परिसर में लगे पौधों व ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगे पौधों की सिंचाई में उपचारित पानी का उपयोग हो रहा। उपचारित पानी से निगम को 10 लाख रुपये प्रतिमाह की आय हो रही है।
इन स्थानों पर बनाए गए रिचार्ज जोन
- भूरी टेकरी पुलिस लाइन के सामने एक तालाब
- बीएसएफ, एरोड्रम रोड पर दो तालाब
- बिजासन टेकरी पर दो तालाब
- रेवती रेंज में तीन तालाब
- सिटी फारेस्ट में एक तालाब
- गुलमोहर परिसर के पास एक तालाब
- रालामंडल ग्राम में दो तालाब
Posted By: Hemraj Yadav
- # National Water Awards
- # Crown of Victory
- # Urban Body Category
- # Indore Municipal Corporation
- # Ground Water Recharge
- # Ponds of Indore