Mandi Tax Indore: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मंडी टैक्स के मुद्दे पर सरकार से नाराज व्यापारी और किसानों को जल्द ही राहत मिलती दिख रही है। अन्य प्रदेशों से दहलन लाकर प्रदेश में कारोबार करने वाले कारोबारियों को मंडी शुल्क से छूट दी जा रही है। दो साल से ज्यादा समय से कारोबारी इसकी मांग कर रहे थे। अब चुनावी साल में सरकार ने इस पर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही आदेश जारी होने की उम्मीद है।

आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने दोहरे मंडी टैक्स और मंडी टैक्स की दर को कम करने को लेकर लगातार बात भोपाल पहुंचाई थी। एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल सालभर पहले मुख्यमंत्री से भी मिला था। आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल के अनुसार, प्रदेश में मंडी टैक्स की दर सबसे ज्यादा तो है ही। विदेश और अन्य प्रदेशों से आने वाले दलहन पर जिस पर पहले से तमाम टैक्स चुका होता है, उसे प्रदेश में लाने पर फिर से यहां टैक्स देना होता है, जबकि वह प्रदेश की उपज नहीं है ऐसे में सैद्धांतिक रूप से उस पर टैक्स लेना नहीं चाहिए।

इससे हो ये रहा है कि उत्पादन लागत बढ़ने से प्रदेश की कई दाल मिलें पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट होने लगी है। हालांकि तब मिलों को राहत नहीं मिली थी। अब प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही घोषणा कर दी जाएगी।

किसानों को भी छूट मिलेगी

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने नईदुनिया से बात करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश से बाहर से आने वाले दलहन को मंडी शुल्क से छूट देगी। इसे मंजूरी दी जा रही है। हम कपास को भी मंडी शुल्क से छूट देने की मांग कर रहे हैं। निमाड़ के कपास व्यापारियों ने इसकी मांग की थी। साथ ही सरकार कई और कदम उठाने जा रहा है जिससे किसानों को राहत मिले।

व्यवस्था ऐसी बनाई जा रही है कि मंडी में उपज बेचने आने वाले किसान पर किसी तरह का कर न लगे। हम्माली से लेकर अन्य तरह के शुल्क से भी उसे छूट दी जाएगी। सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। जल्द ही आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे।

Posted By: Sameer Deshpande

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