Ragging in Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एमजीएम मेडिकल कालेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है। कालेज के हास्टल में रहने वाले एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को फोन पर इसकी जानकारी दी। छात्रों का कहना है कि सीनियर परेशान कर रहे हैं। वे रात 3.30 बजे नींद से जगाकर मिलने के लिए बुलाते हैं और परेशान करते हैं। पुलिस ने तुरंत इसकी जानकारी एमजीएम मेडिकल कालेज डीन को दी, जिसके बाद कालेज प्रबंधन ने चीफ वार्डन वीएस पाल और वार्डन मनीष पुरोहित को जांच करने के लिए कहा। डीन भी हास्टल पहुंचे। जिस ब्लाक में रैगिंग की सूचना मिली थी, वहां के जूनियर छात्रों से इस बारे में जानकारी ली गई, लेकिन किसी छात्र ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद विद्यार्थियों को विश्वास में लेते हुए एक-एक कर चर्चा की गई।
एक सीनियर छात्र का नाम सामने आया
डीन डा. संजय दीक्षित ने बताया कि चर्चा में एक सीनियर छात्र का नाम बार-बार सामने आया है। सोमवार को एंटी रैगिंग कमेटी ने मेडिकल कालेज में इस संबंध में बैठक की। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। एमजीएम मेडिकल कालेज में रैगिंग के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। कुछ माह पहले ही मेडिकल कालेज के जूनियर विद्यार्थियों ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय एंटी रैगिंग कमेटी को मेल पर शिकायत की थी कि सीनियर छात्र उनके साथ रैगिंग के नाम पर अश्लील हरकत करते हैं। वे उन्हें वक्त-बेवक्त कमरे पर बुलाते हैं।
मामले की कर रहे जांच
मेडिकल कालेज प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। बाद में इस मामले में 11 विद्यार्थियों के नाम सामने आए थे। इन सभी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद मेडिकल कालेज ने इन विद्यार्थियों को एक माह के लिए निलंबित भी कर दिया था। सोमवार को सामने आए रैगिंग के मामले को लेकर डीन डा. दीक्षित ने कहा कि हम गंभीरता से मामले की जांच कर रहे हैं। एंटी रैगिंग कमेटी अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है।
Posted By: Navodit Saktawat
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