Indore Test Pitch: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच का मुद्दा अब क्रिकेट की शीर्ष अदालत में पहुंच चुका है। अगले दो सप्ताह में इस पर फैसला होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इंदौर पर लगाए तीन नकारात्मक अंक वापस लिए जा सकते हैं।
शहर के होलकर स्टेडियम में बार्डर गावस्कर ट्राफी के तहत तीसरा टेस्ट एक मार्च से खेला गया था। पांच दिन का मुकाबला सवा दो दिन में ही समाप्त हो गया था और भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा था। मैच रेफरी क्रिस ब्राड ने इंदौर की पिच को औसत से खराब करार देते हुए तीन नकारात्मक अंक दिए थे। इसके बाद से इंदौर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब कारणों से सुर्खियों में आ गया था। मेजबान मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) ने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। एमपीसीए का कहना था कि इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच बेहतर था। इस पर कई बल्लेबाजों ने बड़ी पारी खेली।
एमपीसीए सूत्रों के अनुसार मैच रेफरी का फैसला आने के 14 दिनों के अंदर बीसीसीआइ को इसके खिलाफ अपील करना होती है। मैच रेफरी ब्राड ने इंदौर की पिच को जिन बिंदुओं के आधार पर खराब बताया था प्रदेश संगठन ने उसका जवाब बीसीसीआइ को भेज दिया था। इसके आधार पर बीसीसीआइ ने अपनी आपत्ति आइसीसी के समक्ष दर्ज करा दी है। अब आइसीसी का दो सदस्यीय दल इस मामले की सुनवाई करेगा। इसमें आइसीसी के जनरल मैनेजर और क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन शामिल होंगे। 14 दिन के अंदर आइसीसी इस मामले में कार्रवाई प्रारंभ करेगा।
क्या थी मैच रेफरी की रिपोर्ट
अपनी रिपोर्ट में ब्राड में कहा था कि पिच बहुत सूखी थी और इस पर गेंद और बल्ले के बीच उचित संतुलन नहीं था। इस पिच पर शुरुआत से ही स्पिनरों को मदद मिल रही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मैच के प्रारंभ से ही पिच पर असामान्य उछाल था। ब्राड ने इस आधार पर इंदौर को तीन नकारात्मक अंक दिए थे। यह नकारात्मक अंक पांच साल तक अस्तित्व में रहेंगे। यदि इस दौरान इंदौर को दो और नकारात्मक अंक मिलते हैं तो शहर पर 12 माह के लिए प्रतिबंध लग जाएगा। ऐसे हालात में होलकर स्टेडियम में किसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो सकेगा।
छह वर्ग में होता है आकलन
मैच रेफरी हर स्टेडियम की पिच का आकलन छह वर्ग में करते हैं। इसमें बहुत अच्छा, अच्छा, औसत, औसत से खराब, खराब और अयोग्य श्रेणी शामिल हैं। इनमें से औसत से खराब, खराब और अयोग्य श्रेणी में नकारात्मक अंक मिलते हैं।
अंतिम क्षणों में पिच बदलने से हुई दिक्कत
होलकर स्टेडियम में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट के लिए लाल मिट्टी की पिच तैयार कराई गई थी। यह मिट्टी टेस्ट मैचों के लिए उपयुक्त होती है। पिच टूटती नहीं है और गेंद व बल्ले के बीच संतुलन में बना रहता है। मगर जब भारतीय टीम इंदौर पहुंची तो कथित रूप से टीम प्रबंधन के दबाव में पिच बदल दी गई। आनन-फानन में काली मिट्टी की पिच को तैयार कराया गया, जिसपर बाउंस कम मिलता है।
टीम प्रबंधन को डर था कि लाल मिट्टी की पिच पर मिलने वाले बाउंस की मदद से आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज हावी होंगे। ऐसे में आधी तैयारियों के बीच पिच ठीक से बन नहीं सकी। नतीजतन भारत के बल्लेबाज जम नहीं सके और आस्ट्रेलिया के स्पिनर नाथन लियोन ने कहर ढाते हुए अपनी टीम को जोरदार जीत दिलाई। मैच के दौरान पहले दो दिन में 30 विकेट गिरे थे।
तीन मैच तीन-तीन दिन में खत्म, कार्रवाई सिर्फ इंदौर पर
भारत-आस्ट्रेलिया के बीच बार्डर गावस्कर ट्राफी के इंदौर सहित पहले तीन मैच तीन-तीन दिन में ही समाप्त हुए थे। पहले दो मैच नागपुर और दिल्ली में खेले गए थे। इन मैचों में रेफरी एंडी पायक्राफ्ट थे। उन्होंने किसी भी पिच को नकारात्मक अंक नहीं दिए थे, लेकिन इंदौर में मैच रेफरी बनकर आए क्रिस ब्राड ने औसत से खराब बताते हुए तीन नकारात्मक अंक दे दिए।
यकीन है आइसीसी का निर्णय बदलेगा
मैच रेफरी ने इंदौर के खिलाफ जो फैसला सुनाया था, उसके विरोध में हमने अपनी ओर से एक रिपोर्ट बीसीसीआइ को भेज दी है। हमने बताया है कि पिच ठीक थी। इस पर कई बल्लेबाजों ने बड़ी पारियां खेलीं और रन भी बने। आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में एक ही विकेट गिरा और बड़ी साझेदारी हुई। हमें यकीन है कि आइसीसी फैसला बदलेगा। इससे पहले पाकिस्तान में रावलपिंडी के पिच को लेकर भी ऐसी ही रिपोर्ट मैच रेफरी ने दी थी। जिसके खिलाफ पाकिस्तान की अपील के बाद पिच को औसत से खराब से हटाकर औसत श्रेणी में लाया गया था और नकारात्मक अंक हटा लिए गए थे।
-संजीव राव (सचिव, मप्र क्रिकेट संगठन)
Posted By: Sameer Deshpande
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