Indore Court News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने बुधवार को मप्र के एक लाख वकीलों की ओर से गए राज्य अधिवक्ता परिषद के प्रतिनिधि मंडल की सुनवाई की। करीब डेढ़ घंटे तक वकीलों की परेशानियों को सुनने के बाद जजों ने आश्वासन दिया कि भावनाओं की कद्र होगी और वकीलों को बहुत जल्दी राहत मिलेगी। प्रतिनिधि मंडल में चार सदस्य इंदौर से थे। उन्होंने बताया कि चीफ जस्टिस के सभाकक्ष में हुई यह बैठक शाम ठीक 4 बजे शुरू होकर 5.30 बजे तक चली। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जितेंद्र माहेश्वरी, संजय कौल, जेबी पारदीवाला और पीएस नरसिम्हा शामिल थे।

इसलिए वकील कर रहे विरोध

गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर सभी न्यायालयों से कहा है कि वे हर तीन माह में 25 चिह्नित प्रकरणों का अनिवार्य रूप से निराकरण करें। वकील इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस आदेश की वजह से न्यायालयों का ध्यान चिह्नित प्रकरणों के निराकरण में लग गया है। न्यायालय के नियमित कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। वकीलों का यह भी कहना है कि किसी भी प्रकरण को समय सीमा में नहीं बांधा जा सकता। इस आदेश के चलते प्रकरणों में निर्णय तो हो रहा है, लेकिन न्याय नहीं हो रहा। राज्य अधिवक्ता परिषद ने भी वकीलों की समस्या को देखते हुए उनसे कार्य से विरत रहने का आह्वान किया था। इसके चलते वकील 23 मार्च से ही न्यायालयों में पैरवी नहीं कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों से मुलाकात

मंगलवार को चीफ जस्टिस ने राज्य अधिवक्ता परिषद के प्रतिनिधि मंडल को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया जिसके बाद वकील बुधवार से काम पर लौटे। प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों से मुलाकात की। राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य जय हार्डिया ने बताया कि जजों ने प्रदेश के वकीलों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द वकीलों को राहत मिलेगी। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल बुधवार रात ही इंदौर लौट आया। प्रतिनिधि मंडल में जय हार्डिया के अलावा इंदौर से विवेकसिंह, सुनील गुप्ता, नरेंद्र कुमार जैन भी शामिल थे।

लौटी न्यायालय की रौनक, वकीलों ने किया काम

एक सप्ताह से सूने पड़े न्यायालयों की रौनक बुधवार से लौट आई। 23 मार्च से कार्य से विरत वकीलों ने बुधवार को न्यायालयों में नियमित काम किया। वकीलों के काम करने से पक्षकारों को भी राहत मिली। जिला न्यायालय में बुधवार को करीब सात हजार प्रकरण सुने गए।

Posted By: Sameer Deshpande

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