Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर को सातवीं बार भी स्वच्छता में नंबर वन आना है, ऐसे में सड़कों पर प्लास्टिक उड़ते हुए दिखाई देती है तो दिल धड़कता है। सड़कों पर इस तरह के दृश्य नजर नहीं आना चाहिए, तभी इंदौर नंबर 1 बना रह सकेगा। ये बातें कलेक्टर इलैया राजा टी ने गुरुवार को होटल मेरियट में मिशन लाइफ पर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यशााला में कही।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक एक अद्भुत अविष्कार है। उसने लाइफ को आसान बना दिया, लेकिन उसका उपयोग वहां भी हो रहा है, जहां उसकी जरुरत नहीं है। प्लास्टिक का इस्तेमााल करना आसान है, लेकिन उसका निपटान करना मुश्किल है। आज जरूरत है कि हम सभी एक साथ आकर लाइफ स्टाइल फार एनवायरनमेंट को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाएं। यह पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली की दिशा में एक जन आंदोलन बन सकता है।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर में कचरे के पुन: उपयोग के लिए कई प्रयोग हो रहे हैं। हर जोन में सेंटर बनाए जा रहे हैं। हमें जैविक खाद को भी बढ़ावा देना चाहिए। पंजाब में भी गेहूं का उत्पादन होता है, लेकिन वहां के लोग मध्य प्रदेश का गेहूं खाते हैं, क्योंकि पंजाब की मिट्टी रासायनिक कीटनाशकों के ज्यादा उपयोग की वजह से बीमारी बढ़ा रही है।
कार्यक्रम में एसजीएसआइटीएस के डायरेक्टर राकेश सक्सेना ने कहा कि प्रदूषण से जुड़े नियम हम उद्योगों व व्यापारियों पर तो लागू कर सकते हैं, लेकिन जनता को नियमों में नहीं बांधा जा सकता है।
प्लास्टिक जब वेस्ट में तब्दील होता है तो नुकसादायक होता है
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण यंत्री डॉ.एम.एल. पटेल ने बताया कि मिशन लाइफ के तहत आम लोगों को अपनी जीवनशैली में इस तरह परिवर्तन लाना है जिससे कि वो प्रतिदिन यहा सोचे कि उनके क्या करने से पर्यावरण का हित हा सकता है। मिशन लाइफ स्टाइल के नियमों व बदलाओं का सभी को पालन करना चाहिए। प्लास्टिक नहीं होता तो मनुष्य चंद्रमा या मंगल मिशन पर नहीं पहुंच पाता। प्लास्टिक हमारा दुश्मन नहीं लेकिन उपयोग होने बाद जब यह वेस्ट में तब्दील होता है तो नुकसानदायक होता है।
विश्व के 90 प्रतिशत नमक के ब्रांड में माइक्रो प्लास्टिक मिलना यह बताता है कि प्लास्टिक कितना नुकसानदायक है। इसके कारण समुद्री जीवों की 800 प्रजातियां डेंजर जोन में पहुंच गई है। सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह दोने-पत्तल को पुन: बढ़ावा देने की जरुरत है। प्रदेश में सिंगल यूजन प्लास्टिक का निर्माण करने वाले 29 उद्योंगों को बंद कर दिया गया। अब जरुरत है कि दोने, पत्तल व कुल्हड़ को बढ़ावा दिया जाए। इससे पर्यावरण संरक्षण होगा और लाखों लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा।
आगामी चुनाव में हजारों टन प्लास्टिक बैनर का उपयोग होगा। यदि ये बैनर 100 माइक्रान के प्लास्टिक से बनेंगे तो उनका पुन: उपयोग किया जा सकेगा। कार्यक्रम में सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विज्ञानी अनूप चतुर्वेदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के नुसकान व उनके पुन: उपयोग और उसके लिए बनाई जा रही पालिसी के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एस.एन. द्विवेदी ने आभार व्यक्त किया।
Posted By: Sameer Deshpande
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