Hello Doctor Indore: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ठंड के मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इन दिनों में बच्चे का सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित होना सामान्य है। यह मौसम सभी तरह के वायरस के लिए भी अनुकूल है। यही वजह है कि बच्चे इस मौसम में कई बार निमोनिया का शिकार भी हो जाते हैं। निमोनिया में लापरवाही कितनी महंगी पड़ सकती है यह इसी से साबित होता है कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मौत की एक बड़ी वजह निमोनिया है। तंदुरुस्त बच्चों पर निमोनिया का कोई असर नहीं पड़ता। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा निमोनिया से बचा रहे तो उसे पौष्टिक भोजन दें और समय पर पूरे टीके अनिवार्य रूप से लगवाएं।
यह बात एमजीएम मेडिकल कालेज की शिशुरोग विभागाध्यक्ष और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की प्रभारी अधीक्षक डा. प्रीति मालपानी ने कही। वे बुधवार को नईदुनिया के साप्ताहिक कार्यक्रम हेलो डाक्टर में पाठकों के सवालों के जवाब दे रही थीं। डा. मालपानी ने पाठकों को सर्दी के मौसम में बच्चों की देखभाल को लेकर कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चे किसी भी संक्रमण की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे की सेहत का पूरा ध्यान रखें। बच्चा सेहतमंद रहेगा तो कम बीमार पड़ेगा।
सामान्य सर्दी जुकाम हो तो घबराएं नहीं
डा. मालपानी ने कहा कि इस मौसम में सर्दी-जुकाम और बुखार सामान्य है। बच्चे को अगर सर्दी जुकाम है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हर सर्दी जुकाम निमोनिया नहीं होता। अगर बच्चे में सर्दी जुकाम के साथ में तेज सांस चलना, पसलियां चलना, नथूने फूले हुए नजर आना या नाखून नीले पड़ने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे निमोनिया हो सकता है। ऐसे में तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुपोषित बच्चों को निमोनिया होने की आशंका ज्यादा रहती है।
निमोनिया के सामान्य लक्षण
-तेज सांस चलना
-पसलियां चलना
-सांस तेज चलने की वजह से बच्चे के नथूने फूलने लगते हैं
-निमोनिया बढ़ने पर नाखून नीले पड़ने लगते हैं
पांच वर्ष की उम्र के बाद कम होने लगता है खतरा
डा. मालपानी ने बताया कि पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों को निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है। सामान्यत: पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को निमोनिया नहीं होता है।
यह भी जानें
-आयु बढ़ने के साथ-साथ निमोनिया का खतरा कम होने लगता है
-सर्दी-जुकाम एक से दूसरे को हो सकता है लेकिन निमोनिया में ऐसा नहीं होता है।
-मास्क पहनने से संक्रमित बीमारियों में बचाव होता है।
-बच्चे की सांसें सामान्य रूप से चल रही हैं, सांस में आवाज नहीं आ रही है तो उसे सामान्य सर्दी-जुकाम हो सकता है
-कुछ बच्चों को सर्दी बहुत ज्यादा समय तक रहती है लेकिन यह चिंता की बात नहीं है। यह एलर्जिक हो सकती है। बच्चों को एलर्जी किसी भी चीज से हो सकती है।
-निमोनिया का टीका भी लगाया जाता है।
-जिन बच्चों को निमोनिया का टीका लग चुका है उन्हें निमोनिया होने का खतरा अन्य के मुकाबले बहुत कम होता है।
सवाल-जवाब
सवाल - ठंड के दिनों में ही निमोनिया क्यों होता है- विनोद मूढंत
जवाब - निमोनिया वायरस से होता है। ठंड का मौसम सभी तरह के वायरस के लिए अनुकूल होता है। इस मौसम में वायरस तेजी से फैलते हैं। अगर आपका बच्चा तंदुरुस्त है तो उसे निमोनिया नहीं होगा। जरूरी है कि आप बच्चे के खानपान पर विशेष ध्यान दें। कोशिश करें कि बच्चे के खाने में सभी तत्व शामिल रहें।

सवाल - क्या निमोनिया का कोई टेस्ट होता है, जिससे पता चल जाए कि बच्चे को निमोनिया है या नहीं। -अनिल कवचाले
जवाब - निमोनिया कई तरह के होते हैं। सामान्यत: बगैर टेस्ट ही डाक्टर अपने अनुभव के आधार पर इसका पता लगा लेते हैं। अगर टेस्ट करना चाहते हैं तो बच्चे का पीसीआर करवा सकते हैं। बच्चे के एक्स रे से भी निमोनिया का पता चल जाता है।
सवाल - इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से कैसे बचाएं। क्या सावधानी रखें। - राजू अग्रवाल
जवाब - बच्चों को निमोनिया से बचाना है तो उन्हें पर्याप्त और पौष्टिक भोजन दें। समय पर टीके लगवाएं। इस मौसम में फ्लू भी बहुत होता है। आप बच्चे को फ्लू का टीका लगवा सकते हैं। यह टीका ठंड शुरू होने से पहले लगाया जाता है। इस मौसम में नवजात को स्वेटर, टोपा, मोजे पहनाकर रखें।
Posted By: Sameer Deshpande
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