Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। परमात्मा हमारा अदृश्य साथी है जो हमें नजर आए बिना भी कदम-कदम पर हमें मदद करते हैं। जन्म जन्मांतर का सच्चा सखा केवल परमात्मा ही हो सकता है, अन्य कोई नहीं। हमारा असली साथी और मार्गदर्शक केवल परमात्मा ही है इसलिए परमात्मा से जुड़े बिना मनुष्य जीवन धन्य नहीं हो सकता। भगवान बुद्धि से नहीं भक्ति से मिलेंगे। बुद्धि तर्क करती है और भक्ति विश्वास। श्रद्धा और विश्वास के विना की गई भक्ति और सेवा निरर्थक ही होती है।

यह बात श्रीधाम वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने गीता भवन में कही। वे श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ में संबोधित कर रहे थे। व्यासपीठ का पूजन समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, अंजलि-श्याम अग्रवाल मोमबत्ती, कलावती चौधरी, गोपाल नेमानी, सुनील गोयल, सत्येंद्र जोशी, पुरुषोत्तम गोयल, आदि ने किया। कथा 27 मई तक प्रतिदिन दोपहर 4 से सायं 7 बजे तक होगी। कथा मे 25 मई को बाल लीलाएं, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग, 26 मई को महारास लीला, एवं रूक्मणी विवाह तथा 27 मई को सुदामा चरित्र की कथा के बाद पूर्णाहुति होगी। कथा में अनेक उत्सव भी मनाए जाएंगे।

सेवा के कई स्वरूप

विद्वान वक्ता ने कहा कि सेवा के कई स्वरूप होते हैं, लेकिन दूसरों के दुख दूर करने और उनके आंसू पोंछने से बड़ी और कोई सेवा नहीं हो सकती। भागवत जैसे धर्मग्रंथ हमें भक्ति और सेवा के मार्ग पर अग्रसर करते हैं। परमात्मा हमारा अदृश्य साथी है, जो हमे नजर आए बिना भी कदम कदम पर हमारी मदद करते हैं। जन्म-जन्मांतर का सच्चा सखा केवल परमात्मा ही हो सकता है, अन्य कोई नहीं। हमारा असली साथी और मार्गदर्शक केवल परमात्मा ही है इसिलए परमात्मा से जुड़े बिना हमारा जीवन धन्य नहीं हो सकता।

Posted By: Sameer Deshpande

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