World Water Digest Award: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में एक लाख से अधिक जल पुनर्भरण इकाइयों की टैगिंग और 80 हजार से ज्यादा इकाइयां लगाने के नवाचार पर इंदौर को गुरुवार को इनोवेशन कैटेगरी में वर्ल्ड वाटर डाइजेस्ट अवार्ड मिलेगा।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग और यूनेस्को के सहयोग दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में यह अवार्ड दिया जाएगा। पुरस्कार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इंदौर के अधिकारियों को नवाचार कैटेगरी में देंगे। गौरतलब है कि दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में अलग-अलग शहरों को जल योद्धा, नदी पुनर्जीवन, तालाबों की सफाई, अमृत सरोवर योजना श्रेणी में भी पुरस्कृत किया जाएगा।

एक लाख घरों में वाटर रिचार्जिंग की जियो टैगिंग

इंदौर नगर निगम द्वारा चार माह में जल पुनर्भरण का अभियान चलाकर 82 हजार 658 संस्थान, घर, औघोगिक क्षेत्र, स्कूल, कालेज, धार्मिक सहित अन्य स्थानों पर वाटर रिचार्जिंग की इकाइयां स्थापित की गईं। इसके अलावा 1 लाख 7 हजार घरों की जियो टैगिंग भी की गई।

निगम के इस नवाचार ने ही वर्ल्ड वाटर अवार्ड की कैटेगरी में इंदौर को अव्वल बनाया। इसके अलावा निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्र, यूनिवर्सिटी, कान्ह कैचमेंट एरिया, पीपल्याहाला सहित 10 से 12 स्थानों पर रिवर्स बोरवेल के माध्यम से करोड़ों लीटर बारिश के पानी को भूजल में उतारा। इसके अलावा इंदौर शहर में 10 स्थानों पर पीजोमीटर भी स्थापित किए गए।

कान्ह और सरस्वती नदी के कैचमेंट एरिया का हुआ पुनर्जीवन

नगर निगम द्वारा कान्ह सरस्वती नदी के 14 किलोमीटर के कैचमेंट एरिया का पुनर्जीवन करने के लिए नालों से अतिक्रमण हटाकर उनका गहरीकरण किया। इसमें काली मिट्टी की परत को हटाकर जमीन में पानी पहुंच सके, उस लेयर तक खोदाई की गई।

इसका असर यह रहा कि इस वर्ष शुरुआती बारिश में ही बिलावली व लिंबोदी जल्द भर गए। इतना ही नहीं, जल पुर्नभरण इकाइयां स्थापित करने के कार्यों का यह असर हुआ कि अनुराधा नगर, अन्नपूर्णा नगर, मूसाखेड़ी, सिलिकान सिटी, सैफी नगर जैसी कई कालोनियों में जहां भूजल स्तर 200 मीटर था, वो अब 40 से 50 मीटर पर मिल रहा है।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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