Jabalpur Crime News: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित मझौली निवासी रंजीत चौहान, सोनू काछी व आशीष काछी का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ तीनों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुना दी। साथ ही चार-चार हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक कृष्णा प्रजापति ने पक्ष रखा।

सात साल बाद मिला न्यायः

विशेष लोक अभियोजक कृष्णा प्रजापति ने न्यायालय में दलील दी कि मंझौली क्षेत्र निवासी महिला 19 सितंबर, 2016 को अपने घर के बाहर खाना खाकर टहल रही थी। उसी समय रंजीत चौहान मोटर साइकिल से आया और उसकी कनपटी पर रिवाल्वर लगाकर उसे अपनी मोटर साइकिल में जबरदस्ती बैठाकर सुनसान इलाके में ले गया। इसके बाद आवाज देकर अपने साथी आरोपी सोनू काछी व आशीष काछी को बुला लिया। उन्हें रिवाल्वर देकर कहा कि यदि ये चिल्लाए तो इसे जान से खत्म कर देना। इसी के साथ आरोपित रंजीत ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उूसरे आरोपित भी दुष्कर्म करने लगे। जब महिला रिपोर्ट करने जाने लगी तो आरोपित रास्ते में खड़े रहे, जिससे वह वापस घर चली गई। बाद में जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत सौंपी। जिसके बाद पीड़िता का मेडिकल परीक्षण हुआ। जिसके बाद पुलिस ने सामूहिक दुष्क्र्म, एससीएसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई दौरान पेश किए गए गवाह व साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने तीनों आरोपितों सजा सुना दी।

Posted By: Rahul Raikwar

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