सुरेंद्र दुबे, जबलपुर। संस्कारधानी में 45 साल पुरानी नौदरा ब्रिज चौपाटी 38 साल से शहर के हृदय स्थल सिविक सेंटर की पहचान बनी हुई है। स्वाद के दीवाने यहां सुबह से रात तक जमे रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यही वह जगह है, जहां उनकी पसंद की खाने की चीजें पूरी गुणवत्ता के साथ मिलती हैं। इडली-डोसा, सेंडविच, कटलेट-पावभाजी, भेलपुरी, चाट-फुल्की-सेव पुड़ी, पीजा-चायनीज, छोले-भटूरे, काफी-जूस, मिल्क शेक और आइसक्रीम यहां चंद कदम बढ़ाने पर नजरों के सामने होते हैं।
17 दुकानों में उमड़ते हैं ग्राहक : सिविक सेंटर चौपाटी में भले ही दुकानों की कुल संख्या महज 17 है, लेकिन इनमें वह सब कुछ मिल जाता है, जिसे किसी भी समृद्ध चौपाटी की खासियत कहा जाता है। इसीलिए शहर के ग्राहकों की पहली पसंद यही चौपाटी है। यहां सपरिवार आकर स्वादिष्ट व्यंजनों का शौक फरमाने वाले अन्य दिनों की अपेक्षा रविवार सहित अन्य अवकाश के दिनों में सर्वाधिक उमड़ते हैं। त्योहारों के समय तो यहां पैर रखने की जगह नहीं रहती। यहां गुप्ता, अग्रवाल, जैन व साहू परिवारों के सदस्य पूरी शिद्दत के साथ प्रतिष्ठानों का संचालन करते हैं। इनके बीच खान परिवार की आइसक्रीम शाप भी आकर्षण का केंद्र बनती है। प्रत्येक प्रतिष्ठान चौपाटी की गरिमा के अनुकूल हाईजीन का पूरा ख्याल रखता है। इसीलिए ग्राहकों का भरोसा सालों से कायम है। रवा फुल्की की बात निराली : सिविक सेंटर चौपाटी में अग्रवाल चाट सेंटर की रवा फुल्की सबसे अधिक पसंद की जाती है। इसे खटमिट्ठी दही फुल्की के अलावा चटपटे अंदाज में भी खिलाया जाता है। जो एक बार इसका स्वाद चख लेता है, वह आटे वाली फुल्की खाना भूल जाता है। इस प्रतिष्ठान की शुरुआत करने वाले केपी अग्रवाल के पुत्र प्रदीप व प्रमोद अग्रवाल बताते हैं कि हम इस चौपाटी से विगत 23 साल से जुड़े हैं। किंतु हमारे परिवार में चाट-फुल्की की परंपरा चार दशक पुयादव कालोनी, कांचघर, मेडिकल व कछपुरा ब्रिज की चौपाटियां भी चर्चित रानी है। यही वजह है कि हमारे पुराने और नए ग्राहक बंधे हुए हैं। हमारी बास्केट चाट से लेकर समोसा, खस्ता, कचौड़ी, आलू की टिक्की की चाट जायकेदार होती है।
सदर चौपाटी में 40 से अधिक दुकानें : सदर चौपाटी में डोसा का जलवा बिखेरने वाले संजू जायसवाल बताते हैं कि तीन दशक पुरानी सदर चौपाटी में 40 से अधिक दुकानें संचालित हैं। इनमें गुणवत्ता युक्त स्वादिष्ट व्यंजन मिलते हैं। इसीलिए सदर सहित अासपास के ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। सुबह से रात तक हर उम्र के जायके के शौकीन यहां आते हैं। उन्हें नजर इधर से उधर घुमाने पर एक से बढ़कर एक खाने की चीजें की सुगंध आकर्षित करती है। यहां महानगरीय तर्ज पर तमाम स्नैक्स बनाए जाते हैं। कैंट बोर्ड प्रशासन के अनुशासन का पालन करते हुए सदर चौपाटी के चारों तरफ पार्किंग करीने से कराई जाती है। इससे अव्यवस्था नहीं होती। सामान्य यातायात बाधित नहीं होता। इस सब पर इसलिए ध्यान दिया जाता है ताकि सदर चौपाटी आकर चंद पल सुकून से गुजारने की तलब रखने वालों को कोई खलल हलकान न करने पाए।
विजय नगर चौपाटी ने रफ्ता-रफ्ता जमाया रंग : अनुज गुप्ता बताते हैं कि जैसे-जैसे विजय नगर का विकास हुआ, काफी बड़ी बसाहट चारों तरफ फैल गई। जहां से सिविक सेंटर या सदर चौपाटी की दूरी काफी अधिक होने के कारण स्थानीय जन को अपने इर्द-गिर्द चौपाटी की जरूरत महसूस होने लगी थी। लिहाजा, जगह-जगह चाट-फुल्की, डोसा व पावभाजी के ठेले लगाने वाले एकजुट हुए और इस तरह शुरू हो गई विजय नगर चौपाटी। उखरी रोड से आगे बढ़ने पर अहिंसा चौ क से पहले इसका दीदार होता है। यहां सिविक सेंटर व सदर चौपाटी की तर्ज पर एक से बढ़कर एक व्यंजन मुहैया हैं। इसीलिए खाने के शौकीन यहां सुबह से रात तक आते रहते हैं। कोरोना के बाद से इम्युनिटी बूस्टर खाद्य की दिशा में भी ध्यान देकर व्यंजनाें को सेहत के लिए लाभदायी बनाया गया है।
यादव कालोनी, कांचघर, मेडिकल व कछपुरा ब्रिज की चौपाटियां भी चर्चित : शहर में सिविक सेंटर, सदर व विजय नगर के अलावा यादव कालोनी, कांचघर, मेडिकल व कछपुरा ब्रिज की चौपाटियां भी चर्चित हैं। इनमें से प्रत्येक की कोई न कोई विशेष पहचान है। मसलन, यादव कालोनी की चौपाटी में रसगुल्ले व रबड़ी के साथ पावभाजी स्पेशल होती है। इस पावभाजी में अनार के दाने सहित अन्य फलों का उपयोग कर नवाचार के जरिये ग्राहकों को यह जताने की भरपूर कोेशिश की जाती है कि हमारी पावभाजी दूसरी पावभाजी से जरा हटकर है।
Posted By: Jitendra Richhariya
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