Jabalpur News : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।दुकानदारों को किराये पर आवंटित की गईं दुकानें नगर निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। नगर निगम को अपनी दुकानों से जितनी आमदनी हो रही उससे कई गुना दुकानदारों को हो रही है। दरअसल कौडि़यों के दाम पर निगम की दुकान लेने वाले मनमाने तरीके से किराये की दुकान उपकिराये पर देकर लाखों रुपये कमा रहे हैं। गुरंदी में नगर निगम स्वामित्व की करीब 80 दुकानों से तो नगर निगम को एक धैला तक नहीं मिल रहा है। उल्टा दुकानों के सामने होने वाली बेतरतीब पार्किंग से शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है वहीं मनमाने दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण नगर निगम के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। नगर निगम इन दुकानों का आबंटन निरस्त करने की बात तो करता है पर निरस्तीकरण की कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। यहीं हाल शहर के अन्य क्षेत्रों की दुकानों का भी है।
2100 दुकानों में से 276 उपकिराये पर चल रही-
नगर निगम सीमा में निगम स्वामित्व की करीब 2100 दुकानों हैं। जो दुकानदारों को 600 रुपये से लेकर महज हजार रुपये प्रति माह की दर पर व्यापार करने आबंटित की गई हैं। बताया जाता है कि नगर निगम से दुकानों का आबंटन कराकर करीब 300 दुकानदारों ने दुकान उपकिराये पर दे दी है। जिनसे वे हर माह पांच से 10 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। ये खुलासा गत वर्ष नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे से हुआ। सर्वे में करीब 300 दुकानें ऐसी मिली जो उप किरायेदारी में दे रखी थी। नगर निगम ऐसे दुकानदारों को नोटिस जारी कर उप किराये पर दी निगम की दुकानों को अपने नाम पर दर्ज करवाते हुए नगर निगम में दस्तावेज पेश करने कहा है। ये चेतावनी भी दी है कि दस्तावेज पेश नही किए तो दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। लेकिन आज तक किसी दुकान का आबंटन निरस्त नही किया जा सका। तकरीबन 278 दुकानें अब भी उपकिराये पर चल रही हैं।
गुरंदी की दुकानों से नहीं मिला रहा एक रुपया-
नगर निगम द्वारा निगम मुख्यालय के आस-पास, बल्देवबाग, दमोहनाका, चंडालभाटा, गुरंदी, इंदिरा मार्केट, अधारताल सहित नगर निगम सीमा में किराये पर दुकानें आबंटित की है। गुरंदी में करीब 80 दुकानें ऐसी है जिसका किराया दुकानदार 10 वर्षों से नहीं चुका रहे हैं। नगर निगम इन दुकानों पर कब्जा तक नहीं कर पा रहा है। इसी तरह इंदिरा मार्केट की दुकानों पर दुकानदारों ने मनमाने तरीके से निर्माण करवा लिया है। दो दुकानों को तोड़कर एक कर लिया है, वहीं अन्य क्षेत्रों मे कुछ ने तो दुकान के ऊपर ही दुकान बना कर किराये पर दे दी है।
पार्किंग की व्यवस्था नहीं, यातायात व्यवस्था अराजक
नगर निगम की दुकानों से निगम को जहां किराया नहीं मिल रहा वहीं यातातायात व्यवस्था भी बिगड़ रही हैै। नगर निगम मुख्यालय तीन पत्ती चौक से बस स्टैंड तक की दुकानों के सामने सड़क पर वाहन खड़े किए जा रहे हैं। इंदिरा मार्केट के पास भी दुकानों के बाहर वाहन खड़े होने से यातायात व्यस्था चौपट हो रही है। अधारताल चौराहे के पास भी दुकानों के कारण लोगाें को परेशानी हो रही है।
हां ये सही है कि नगर निगम स्वामित्व की कुछ दुकानों को उपकिराये पर देकर दुकानदार अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे दुकानदारों को एक बार फिर नोटिस जारी कर दस्तावेश पेश करने कहा है। नहीं माने तो आवंटन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश प्रताप सिंह, बाजार अधीक्षक, नगर निगम
Posted By: Jitendra Richhariya
- Font Size
- Close