जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने मप्र लोक सेवा आयोग, पीएससी द्वारा स्वास्थ्य सहायक प्रबंधक पदों पर की जाने वाली नियुक्तियों को याचिका के विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस अंतरिम आदेश के साथ ही पीएससी के उप सचिव, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य आयुक्त, बरकतुल्ला विश्वविद्यालय के कुलसचिव व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह दी गई दलीलः
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी ममता डेहरिया, कामना राजपूत, सीहोर निवासी जूही ताम्रकार व टीकमगढ़ निवासी विनीता नाग की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि योग्यता होने के बावजूद उन्हें साक्षात्कार से वंचित किया जा रहा है। पीएससी ने सात जुलाई, 2021 को स्वास्थ्य सहायक प्रबंधक के 64 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए पीजी के साथ डिप्लाेमा इन हास्पिटल मैनेजमेंट करना अनिवार्य था। याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा दी और उत्तीर्ण हुईं। दलील दी गई कि सभी योग्यताएं होने के बावजूद उन्हें 28 फरवरी, 2023 को अयोग्य करार दे दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने एक मार्च को संबंधित विभागाें में अभ्यावेदन पेश कर बताया कि उनके पास निर्धारित योग्यता के साथ अतिरिक्त योग्यता भी है। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट को अवगत कराया गया कि आगामी 20 मार्च से साक्षात्कार होना है।
2021 में निकली थी 64 पदों पर भर्तीः
उल्लेखनीय है कि मप्र लोक सेवा आयोग पीएससी द्वारा सात जुलाई, 2021 को स्वास्थ्य सहायक प्रबंधक के 64 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए पीजी के साथ डिप्लाेमा इन हास्पिटल मैनेजमेंट करना अनिवार्य था। इस भर्ती परीक्षा के लिए हजारों बेरोजगारों ने आवेदन भरा था और परीक्षाएं दी थीं। जिसमें कई अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। उन्ही में से कुछ अभ्यर्थियो ने योग्यता के बाद भी अयोग्य होने पर इस परीक्षा की नियुक्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।
Posted By: Jitendra Richhariya
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