जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। High Court News: हाई कोर्ट प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 55 नायब तहसीलदारों को बड़ी राहत दे दी है। इसके तहत राज्य शासन को तहसीलदार बतौर पदोन्नति देने पर विचार करने के निर्देश दिए गए हैं।

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य शासन पूर्व में पारित निर्णयों व सरकार के 29 नवंबर 2016 के आदेश के परिप्रेक्ष्य में सभी याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदनों पर विचार कर उचित निर्णय पारित करे। इस पूरी कार्रवाई के लिए तीन माह की समय सीमा निर्धारित की गई है। दमोह निवासी विकास चंद जैन सहित कटनी, सागर, रीवा, सिंगरौली, पन्ना, सीहोर, बुरहानपुर, उमरिया, विदिशा, छिंदवाड़ा व अन्य जिलों में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ 55 अधिकारियों ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि राज्य शासन ने 29 नवंबर, 2016 को एक आदेश जारी कर नायब तहसीलदार के प्रमोशन के लिए पांच वर्ष के अनुभव की शर्त को शिथिल करते हुए उसे तीन वर्ष कर दिया था। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग ने इस संबंध में प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन प्रमोशन के लिए डीपीसी नहीं की गई। इस कारण हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

शासन की ओर से दलील दी गई कि प्रमोशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे दलील दी गई कि पूर्व में हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में यह स्पष्ट किया है कि प्रमोशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम आदेश बाधा नहीं बनेगा।

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