जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। आनलाइन कक्षाएं अटेंड कर रहे कॉलेज विद्यार्थियों की आदत अब आनलाइन पढ़ने की ही हो गई है। कोरोना के कारण बंद महाविद्यालय 20 जनवरी को खुले। पहली बार कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी भी महाविद्यालय नहीं पहुंचे। विद्यार्थियों में कॉलेज आने को लेकर कोई खास रुझान देखने को नहीं मिला। किसी कॉलेज में 4 तो किसी में 2 विद्यार्थी ही पहुंचे। कोरोना के लिए बनाए गए दिशा निर्देशों का पालन करने की कॉलेज प्रशासन ने पूरी कोशिश की। कॉलेज के अंदर प्रवेश करते ही सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ ही, थर्मल स्कैनर से टेंप्रेचर की जांच की गई। इसके बाद विद्यार्थियों ने रजिस्टर में अपनी जानकारी नोट कराई।
सैनिटाइजर, मास्क और टेम्प्रेचर चेक कराया : कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया गया, लेकिन फिर भी यहां पर विद्यार्थियों की अच्छी संख्या देखने नहीं मिली। कक्षाओं की बात की जाए तो यहां भी सिर्फ 3 से 4 विद्यार्थी ही दिखे। कॉलेज खुलने के पहले दिन भी यहां पर रौनक नहीं दिखी। कोरोना से पहले जहां कॉलेज का हर एक कोना विद्यार्थियों से भरा दिखता था, वहीं कोरोना के बाद ये सूने पड़े हैं। कैंटीन, लाइब्रेरी, स्टडी रूम, कॉलेज कैंपस आदि जगहों पर चहल-पहल नहीं है। शिक्षक यहां पर विद्यार्थियों को पढ़ाने तो पहुंच रहे हैं, लेकिन विद्यार्थी नहीं हैं। कॉलेज में एक बार फिर से पहले की तरह रौनक लौटने में वक्त लग सकता है। शिक्षकों की बात की जाए तो वे भी क्लास रूम को भरा देखने के लिए तरस गए हैं। लाइब्रेरी में बैठी प्रेमलता स्वामी का कहना है कि इंतजार है कि स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करे, नोट्स बनाएं और बुक मांगे। कॉलेज में जगह-जगह पर स्टूडेंट्स अपने दोस्तों के साथ बैठकर चर्चाएं करते थे, कोरोना ने कॉलेज कैंपस के इन नजारों को भी छीन लिया। विद्यार्थियों की बात की जाए तो वे अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सजग हैं। कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। कॉलेज में पहले दिन पहुंचे स्टूडेंट्स का कहना है कि पढ़ाई करना है, तो इतना रिस्क तो लेना पड़ेगा। निजी कॉलेज के लैब की यह स्थिति है कि जो लैब 150 विद्यार्थियों से भरा रहता था, उसमें फर्स्ट ईयर के मात्र 4 विद्यार्थी प्रैक्टिकल के लिए पहुंचे।
कक्षाओं में नहीं कोई खास इंतजाम : सरकारी कॉलेजों में कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन कॉलेज कैंपस पर तो देखने मिल रहा है, लेकिन कक्षाओं में अभी भी कोई खास व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं। जिससे विद्यार्थी कॉलेज पहुंचने का मन नहीं बना पा रहे हैं। शहर के कई सरकारी कॉलेज ऐसे हैं जहां पर फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों को कॉलेज खुलने का नोटिस दिया गया, लेकिन फिर भी वे अभी कुछ दिन और कॉलेज नहीं आना चाहते। इसकी एक वजह है कि वे अभी भी अपनी सुरक्षा को लेकर कॉलेज द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं है, दूसरा वे आनलाइन कक्षाओं में ही सहज महसूस कर रहे हैं।
Posted By: Brajesh Shukla
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