जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कोई कमर दर्द से परेशान है तो कोई हडि्डयों, जोड़ों, गर्दन, पीठ, सिर, मांसपेशियां व कंधों के दर्द की पीड़ा झेल रहा है। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो पूरे शरीर में दर्द की शिकायत लेकर डाक्टरों के पास पहुंचते हैं। कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो समय के साथ स्वत: ठीक हो जाते हैं परंतु कुछ असाध्य बीमारियों के कारण लंबे समय तक होने वाले दर्द मरीज की मानसिक स्थिति पर विपरीत असर डालते हैं। अब पेन मैनेजमेंट यानि दर्द प्रबंधन के बेहतर विकल्प मौजूद हैं। जिसकी सहायता से दर्द पर काबू पाया जा सकता है। उक्त बातें नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष इमरजेंसी मेडिसिन एवं दर्द निवारण विशेषज्ञ डा. मयंक चंसोरिया ने कही। वे नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों से फोन पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा, थायराइड आदि को नियंत्रित रखा जाना आवश्यक है।

नईदुनिया कार्यालय पहुंचे:

नईदुनिया कार्यालय पहुंचे डा. चंसोरिया से न सिर्फ जबलपुर बल्कि शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, नरसिंहपुर, दमोह, रीवा, सीधी, सतना के पाठकों ने फोन पर चर्चा कर शंका का समाधान किया। उन्होंने कहा कि डायबिटीज से पीड़ित 70 प्रतिशत मरीज फ्रोजन शोल्डर की चपेट में आ जाते हैं। इनमें से कुछ मरीज ऐसी स्थिति में डाक्टर के पास पहुंचते हैं कि कंधे की हड्डी हिलाने में भी दर्द से चीख पड़ते हैं। पेन क्लीनिक में बिना चीरा लगाए आधुनिक तकनीक से दर्द का निवारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का दर्द होने पर चिकित्सीय परामर्श के बगैर दर्द निवारक दवाओं का सेवन शरीर के प्रति अपराध करने जैसा है।

स्वत: दूर हो जाते हैं तमाम दर्द:

डा. चंसोरिया ने बताया कि शरीर में होने वाले बहुत से दर्द स्वत: ठीक हो जाते हैं। नियमित व्यायाम, संतुलित खानपान व जीवनशैली में बदलाव से दर्द से राहत पाई जा सकती है। परंतु क्रानिक दर्द में पेन क्लीनिक का काफी लाभ मरीजों को मिलता है। दूरबीन की सहायता से दर्द उत्पन्न करने वाली नसों में दवा डालकर दर्द को दूर किया जाता है। यह प्रक्रिया बिना चीर फाड़ के की जाती है। 80 से 90 प्रतिशत लोगों का कमर दर्द जीवनशैली में बदलाव से ठीक हो जाता है। दर्द से परेशान मरीज की दिनचर्या प्रभावित होती है। वह न तो ठीक से कामकाज कर पाता है न ही अपनी सेहत पर ध्यान रख पाता है।

बढ़ती उम्र में कमजोर हो जाती हैं हड्डियां:

बढ़ती उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिसके कारण लोगों को जोड़ों के दर्द से परेशान होना पड़ता है। हड्डियों की कमजोरी व शरीर में पोषक तत्वों की कमी इसकी मुख्य वजह है। परंतु कम उम्र में जोड़ों व हड्डियों का दर्द, जकड़न, अकड़न चिंता का विषय है। इस वजह से विद्यार्थी ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते तथा कामकाजी व नौकरीपेशा लोग कार्यस्थल पर ठीक से जिम्मेदारी के निर्वहन में असमर्थ हो जाते हैं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी, संक्रमण, चोट आदि कारणों से दर्द होता है।

ये रहे सवाल जवाबछः

सवाल-लगभग एक सप्ताह से कमर में दर्द बना हुआ है। दर्द से राहत पाने के लिए उपचार बताएं।

मनोज कुमार

जवाब-दर्द से राहत पाने के लिए दवा ही एकमात्र विकल्प नहीं है। 50 से 70 प्रतिशत मामलों में कमर का दर्द कुछ दिन में स्वत: ठीक हो जाता है। दर्द की शुरुआत है इसलिए जीवनशैली में बदलाव करें। पैदल चलने व व्यायाम करने से कमर दर्द में आराम मिलेगा।

सवाल-दोनों पैरों के घुटनों में सूजन आ गई है तथा दर्द बना रहता है। एनीमिया व थायराइड की समस्या पहले से है।

रजनी रजक

जवाब-यदि बिना किसी चोट के घुटनों में सूजन है तो गठिया यानि आर्थराइटिस हो सकता है। एनीमिया व थायराइड पर नियंत्रण रखते हुए चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए। पेन क्लीनिक में उपचार से इस तरह के दर्द से राहत मिल सकती है।

सवाल-रीढ़ की हड्डी व कंधों में दर्द बना रहता है, माइग्रेन भी है, कोई उपाय बताएं जिससे राहत मिले।

साक्षी सिंह राजपूत

जवाब-भरपूर नींद लें, व्यायाम करें तथा शरीर में पोषण तत्वों की कमी न होने दें। यदि डायबिटीज नहीं है तो इस उपाय से रीढ़ की हड्डी व कंधों के दर्द से राहत मिल सकती है। दर्द निवारक दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से न करें।

सवाल-वजन ज्यादा है, रीढ़ की हड्डी व जोड़ों में दर्द बना रहता है।

कामता पांडेय

जवाब-ज्यादातर मामलों में रीढ़ की हड्डी व जोड़ों में दर्द की समस्या चिनचर्या आधारित रहती है। बेहतर होगा कि आप अपने शरीर का वजन नियंत्रित करें। वजन को नियंत्रित कर दिनचर्या में बदलाव व कसरत से इस तरह का दर्द दूर किया जा सकता है।

सवाल-छह माह से मांसपेशियों में दर्द बना रहता है। शरीर में कैल्शियम की कमी तो नहीं हो गई है।

सिंधु रानी

जवाब-कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों में दर्द नहीं होता है। पोटेशियम की कमी से मांसपेशियों में दर्द होता है। आपको उपचार की आवश्यकता नहीं है बल्कि नियमित व्यायाम करें व खानपान पर विशेष ध्यान रखें। मसल्स की कमजोरी दूर करना आवश्यक हैं

सवाल-दर्द हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करता है।

एकता शुक्ला

जवाब-दर्द तभी होता है जब शरीर में कोई केमिकल रिएक्शन हो। शरीर का दर्द तरह तरह से जीवन प्रभावित करता है। शुरुआती दौर में यह सिर्फ दिनचर्या प्रभावित करता है परंतु लंबे समय तक बना रहे तो मानसिक बीमारियों का कारण बन जाता है। शिक्षा, करियर, आमदनी पर असर पड़ता है। किसी भी दर्द को लंबे समय तक नहीं झेलना चाहिए।

सवाल-मेरा वजन 100 किलोग्राम है, दोनों घुटनों में दर्द रहता है, एक घुटने में सूजन आ गई है।

वैभव सरावगी

जवाब-आपका मोटापा आपकी बीमारी की सबसे बड़ी वजह है। मोटापा के साथ घुटनों में दर्द व सूजन को अच्छा नहीं कहा जा सकता। सबसे पहले आप वजन नियंत्रित करें। अन्यथा दूसरे घुटने में भी सूजन आ सकती है। विशेषज्ञ से परामर्श लेकर ही दवाओं का सेवन करें। खानपान पर नियंत्रण रखते हुए नियमित व्यायाम करें।

Posted By: Jitendra Richhariya

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