जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश की नाफरमानी के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त स्वप्निल बानखडे को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब कर लिया। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी देवी प्रसाद कोरी की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा, शिवम शर्मा व अमित स्थापक ने पक्ष रखा।
यह था मामलाः
उन्होंने दलील दी कि अवमानना याचिकाकर्ता की माता कलाबाई कोरी नगर निगम में दैनिक वेतन भोगी बतौर कार्यरत थीं। 38 वर्ष की सेवा के बाद सात अक्टूबर, 2017 को सात अक्टूबर, 2016 की नीति के अनुसार उनका विनियमितकरण किया गया। उनकी सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर, 2022 को होनी थी। किंतु इससे पूर्व ही छह फरवरी, 2022 को उनका निधन हो गया। लिहाजा, उत्तराधिकारी के रूप में पुत्र देवी प्रसाद कोरी ने नगर निगम आयुक्त को आवेदन दिया। जिसके जरिये नगर निगम में विनियमित कर्मी के रूप में सेवा प्रदान करने की मांग की। साथ ही मां के सेवानिवृत्ति संबंधी लाभ पेंशन आदि भी प्रदान करने पर बल दिया। इस आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसलिए पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने याचिका का इस निर्देश के साथ निराकरण किया कि 90 दिन के भीतर नियमानुसार शिकायत दूर कर दी जाए। किंतु 90 दिन गुजरने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे व्यथित होकर अवमानना याचिका दायर की गई है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त स्वप्निल बानखडे को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब कर लिया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2017 में शासन की 2016 की नीति के अनुसार प्रदेश भर की नगर निगम में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितिकरण किया गया था। जिसमें सैकड़ो कर्मचारियों को लाभ मिला था।
Posted By: Jitendra Richhariya
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